209 भेड़ पालकों को मिली चीन सीमा क्षेत्र में जाने की अनुमति

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चमोली । भेड़-बकरी चरवाहे अपनी भेड़-बकरियों के साथ चीन सीमा क्षेत्र तक आवागमन करते हैं। चरवाहे सीमा की निगहबानी में मुस्तैद भारतीय सेना के लिए मजबूत सूचना तंत्र का काम भी करते हैं। कई बार सीमा पार की गतिविधियों पर भी ये चरवाहे नजर रखते हैं ।

अपनी भेड़-बकरियों को लेकर चरवाहे अब उच्च हिमालय क्षेत्रों में पहुंचने लगे हैं। जोशीमठ तहसील प्रशासन ने इस बार 209 भेड़ पालकों को चीन सीमा क्षेत्र में भेड़-बकरियों के चरान की अनुमति दी है। एक भेड़ पालक के साथ 800 से 1000 भेड़-बकरियों के चरान का जिम्मा रहता है।

लगभग तीन माह तक सीमा क्षेत्र में रहने के बाद ठंड बढ़ने से भेड़-बकरियां निचले क्षेत्रों में आ जाती हैं। चमोली जिले में 75417 भेड़ और 96861 बकरियां हैं। भेड़ पालक प्रतिवर्ष अपनी भेड़-बकरियों को चराने के लिए उच्च हिमालय क्षेत्रों में ले जाते हैं। इन चरवाहों को जोशीमठ तहसील प्रशासन सीमा क्षेत्र तक जाने की अनुमति देता है।

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