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उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति में कमाल या चमत्कार की उम्मीद से उतरी कांग्रेस नित नए प्रयोग के प्रयास में लगी हुई है. 3 दशकों से ज्यादा के सियासी वनवास को मिटाने के लिए प्रियंका गांधी ने यूपी की कमान संभाल ली है और कोशिशों की फेहरिस्त की हर संभावना खोल दी गई है. कोशिश है कि कैसे भी लगे…. कहीं भी लगे, कुछ निशाना तो लगे. 

दरअसल, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हुआ है. चुनौती केवल ये नहीं है कि सत्ता मिले, चुनौती ये भी नहीं है कि सत्ता न सही तो सत्ता में भागीदारी ही मिले…चुनौती तो सबसे बड़ी ये है कि पार्टी कम से कम यूपी में पुनर्जीवित हो उठे, संगठन खड़ा हो ताकि 2022 न सही 2024 में तो लड़ाई कुछ हद तक सधे. 

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