56 वर्ष पुराना पुल की तरफ विभाग के अधिकारियों ने आजतक नहीं ली सुध

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अधिकारियों के अनुसार पुल पर 16.5 टन वजन की अनुमति है। स्थानीय लोगों के अनुसार करीब 35-40 टन से भी अधिक वजन के साथ धड़ल्ले से पुल पर वाहन आवाजाही करते हैं। यही नहीं कभी दो कभी तीन तीन वाहन एक साथ पुल पर निकलते हैं जिससे सेतु लगातार कमजोर होता जा रहा है।

अल्मोड़ा । दिन-रात हल्के व भारी सैंकड़ों वाहनों का बोझ सहन करते 56 वर्ष बीत गये लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इतने महत्वपूर्ण पुल की तरफ आजतक देखा ही नहीं , यह पुल कुमांऊ की लाइफ लाइन मानी जाती है इस पुल की जब खस्ताहालत हुई तब उसने भी बोझ सहन नहीं कर पाया जिसे आधे भाग से क्षतिग्रस्त हो गया इस पुल की स्थिति के बारे में कई बार नन्दा टाइम्स ने सचेत भी किया था,फिर भी बेपरवाह बनें रहे ।
आपको बता दें कि अल्मोड़ा व नैनीताल जिले के बॉर्डर पर स्थित कोसी नदी पर बने करीब 56 वर्ष पुराने 33 मीटर लंबे स्पान गार्डर पुल के बीचो-बीच करीब चार मीटर लंबा व एक मीटर चौड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया। संयोगवश कोई हादसा नहीं हुआ। मामले की सूचना एनएच व पुलिस को भेजी गई। सूचना मिलने के बाद आनन-फानन में हाईवे पर वाहनों की आवाजाही रोकने के निर्देश दे दिए गए।एनएच अधिकारियों ने ध्वस्त हिस्से का जायजा लिया गया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार पुल के गिरे गार्डर के हिस्से को वेल्डिंग के जरिए जोड़ ऊपर से सुरक्षा के ठोस इंतजाम के बाद ही यातायात सुचारु होगा। फिलहाल पुल पर कार्य शुरू कर दिया गया है।

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