बाजार में स्टीकर लगे सेब-संतरे, 100 में 99 लोग नहीं जानते
नई दिल्ल.। हर जगह अब आपको ज्यादातर स्टीकर लगे सेब-संतरे ही बिकते दिखते होंगे. फलों पर स्टीकर लगा देख ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि यह प्रीमियम क्वालिटी का और बाहर से इम्पोर्ट किया गया फ्रूट है. इसकी क्वालिटी जबरदस्त होगी तो कुछ महंगा खरीदने में भी कोई हर्ज नहीं. फल बेचने वाला भी ग्राहक की इसी मानसिकता का जमकर फायदा उठाते हैं और आपको प्रीमियम क्वालिटी और विदेश से मंगाने की बात कहकर जमकर चूना भी लगाते हैं।
सेब हो या संतरा ऐसे हर फ्रूट पर आपको मॉल से लेकर रेहड़ी-पटरी तक स्टीकर लगे दिख जाएंगे. ऐसे फ्रूट को खरीदने में भी लोग तरजीह देते हैं, लेकिन 100 में 99 लोगों को इसका असली मकसद नहीं पता होगा. जैसा हमने बताया कि ज्यादातर लोग इसे प्रीमियम क्वालिटी और इम्पोर्ट किया फल मानते हैं, लेकिन आज हम आपका यह भ्रम दूर किए देते हैं. दरअसल, इन स्टीकर्स का न तो एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट से कोई लेना देना है और न ही फलों की कीमत से, बल्कि यह सीधे तौर पर आपकी सेहत से जुड़ा होता है. कैसे, चलिए एक्सपर्ट के हवाले से डिटेल में जानते हैं.
डिजिट का स्टीकर लगा है तो…
अगर आपको सेब या संतरे पर 4 डिजिट का स्टीकर लगा दिखे तो उसे खरीदने से पहले सावधान हो जाइए. इन स्टीकर पर लिखे नंबरों की शुरुआत भी 4 अंक से होती है, जैसे 4026 अथवा 4987 आदि. यानी स्टीकर पर चार अंक हों और उनकी शुरुआत 4 से हो रही है तो ऐसे फलों का उत्पादन कीटनाशक और केमिकल के इस्तेमाल से हुआ है. यह नंबर फलों की गुणवत्ता को बताते हैं. यह फल आपको कुछ सस्ते मिल सकते हैं, लेकिन आपकी सेहत को फायदा कम और नुकसान ज्यादा पहुंचाते हैं।
डिजिट में है नंबर तो क्या मतलब
आपने देखा होगा कि कुछ फलों के स्टीकर पर 5 डिजिट में नबंर लिखे होते हैं. इन नंबरों की शुरुआत 8 से होती है. जैसे 84131 या 86532 आदि नंबर लिखे होते हैं तो इसका मतलब ये हुआ कि ऐसे फल जेनेटिकली मोडिफाइड हैं. यानी यह फल प्राकृतिक नहीं हैं, बल्कि लैब में विकसित किए गए हैं. इनकी कीमत केमिकल और कीटनाशक वाले फलों से ज्यादा होती है. ऐसे फल सेहत को कुछ फायदा पहुंचाते हैं तो इनका कुछ नुकसान भी होता है.
सबसे अच्छा है ये वाला
अब आपको बताते हैं कि बेस्ट क्वालिटी फ्रूट पर किस तरह के स्टीकर लगे होते हैं. ऐसे स्टीकर पर नंबरों की संख्या तो 5 ही होती है, लेकिन इनकी शुरुआत 9 से होती है. जैसे 93435 आदि कुछ भी हो सकता है. इसका मतलब है कि इन फलों को बिना केमिकल और कीटनाशक के ऑर्गेनिक तरीके से पैदा किया गया है. जाहिर है कि इनकी कीमत बाकी के मुकाबले ज्यादा होगी, लेकिन सेहत का सवाल है तो ऐसे फल ही सबसे बेस्ट क्वालिटी के होते हैं.