अंकिता भडारी हत्याकांड के आरोपियों को लेकर पुलिस ने बनाई नई रणनीति

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अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया है. माना जा रहा है कि हत्याकांड मामले में चार्जशीट कोर्ट में पेश करने से पहले सभी सबूतों को एकत्रित कर रही है और पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ सबूतों को मजबूत करने के लिए अब एक आरोपी को सरकारी गवाह बनाने की तैयारियों में लगी है i

देहरादून. उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में पकड़े गए तीनों आरोपियों को अब अलग-अलग जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार, इसमें मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पौड़ी जेल में ही रखा गया है. अन्य आरोपी सौरभ को टिहरी तो अंकित को देहरादून की जेल में शिफ्ट कर दिया है.
वहीं, सूत्रों के मुताबिक, ये भी माना जा रहा है कि ैप्ज् हत्याकांड मामले में चार्जशीट कोर्ट में पेश करने से पहले सभी सबूतों को एकत्रित कर रही है और पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ सबूतों को मजबूत करने के लिए अब एक आरोपी को सरकारी गवाह बनाने की तैयारियों में लगी है. सरकारी गवाह बनते ही एसआईटी को मजबूत गवाह मिल जाएगा और अन्य दो आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत होने से कोर्ट से दोनों को सख्त कार्रवाई हो पाएगी.
बताया जा रहा है कि इसके लिए ये पूरी रणनीति बनायी गयी है. सभी आरोपियों को एक दूसरे से दूर किया गया है. वहीं, कानूनी जानकार बताते हैं कि मामले में अगर एक भी सह अभियुक्त पुलिस का साथ देता है; और सरकारी गवाह बनता है, लेकिन वो मुख्य आरोपी न हो, तो जांच टीम उसके बयानों को परख कर कोर्ट में उसको आरोपियों के खिलाफ खड़ा करेगी जो हर उस दास्तान को बताएगा जो क्राइम सीन में हुआ था. जिसपर सरकारी गवाह को कुछ हद तक सजा से राहत भी मिल सकती है ।आपको बता दें 18 सितंबर को हुई अंकिता की हत्या मामले में पुलिस ने 23 सितम्बर को तीन आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित के साथ सौरभ को जेल भेजा था, जिसमें तीनों आरोपी अभी तक पौड़ी की जेल में ही थे, लेकिन अब तीनों आरोपियों को अलग-अलग जेल भेज दिया गया है, जिसमें बताया जा रहा सुरक्षा की दृष्टि से ये कदम उठाये गये हैं.
वहीं. मामले में एडीजी लॉ एंड आर्डर वी मुरुगेशन का कहना है कि तीनों ने मिलकर अंकिता हत्याकांड का अपराध किया है, और फिर तीनों मिलकर कोई अपराधिक षड्यंत्र ना रचे, इसको देखते हुए तीनों को अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया है.

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