मातृभूमि की रक्षा के लिए बागेश्वर जनपद का उल्लेखनीय योगदान
1971 की लड़ाई में शहीद हुए 24 जांबाज
बागेश्वर। 1971 के भारत पाक युद्ध में भी बागेश्वर के सैनिकों ने भाग लिया। इस युद्ध मेें बागेश्वर के 24 जांबाज शहीद हुए। 1962 के चीन युद्ध में 21, सन् 1965 के पाक युद्ध में 36, आपरेशन ब्लू स्टार, आपरेशन मेघदूत, आपरेशन रक्षक, आपरेशन पराक्रम और आपरेशन विजय में 51 जवानों ने शहादत दी हैं।
बागेश्वर। देश की सीमाओं की रक्षा में बागेश्वर जिले का उल्लेखनीय योगदान रहा है। यहां के 15 हजार जवान सशस्त्र सेनाओं में हैं। 12 हजार पेंशनर जिले में निवास कर रहे हैं। 59 लोग वीरता पदक प्राप्त कर चुके हैं। इनमें सात लोग वीर चक्र से सम्मानित हैं। आजादी के बाद यहां के 183 जवानों ने सर्वाेच्च बलिदान दिया है।फिर भी विकास की दौड़ में पिछे है।
बागेश्वर में वीर चक्र विजेताओं में स्व. सूबेदार मंगल सिंह निवासी कुलसीवी (1948 पाक युद्ध), स्व. नायब सूबेदार धन सिंह निवासी किटौली (1948 पाक), स्व. कैप्टन चंद्र सिंह ककड़ीगैर (1965 पाक), स्व हव शंकर दत्त स्याकोट (1971 पाक), स्व. सिपाही खड़क सिंह सूपी (1971 पाक), सूबेदार नंदन सिंह निवासी परमाटी (1971 पाक), नायब सूबेदार गंगा सिंह कपूरी (1971 पाक युद्ध) शामिल हैं।
बागेश्वर के सैनिकों और अर्धसैनिकों ने सशस्त्र सेनाओं में रहकर सेवाकाल में विभिन्न युद्धों और आरपेशनों में पराक्रम तथा वीरता का भी परिचय दिया है। विभिन्न पदकों से सम्मानित 59 सैनिक और उनके आश्रित अभी भी यहां रह रहे हैं।
बागेश्वर। 1971 के भारत पाक युद्ध में भी बागेश्वर के सैनिकों ने भाग लिया। इस युद्ध मेें बागेश्वर के 24 जांबाज शहीद हुए। 1962 के चीन युद्ध में 21, सन् 1965 के पाक युद्ध में 36, आपरेशन ब्लू स्टार, आपरेशन मेघदूत, आपरेशन रक्षक, आपरेशन पराक्रम और आपरेशन विजय में 51 जवानों ने शहादत दी हैं।सात वीर चक्र, 41 लोगों को सेना मैडल सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के अनुसार इस कार्यालय में सात वीर चक्र, 41 सेना मैडल, नौ मैंशन इन डिस्पैच, तीन अशोक चक्र तृतीय, छह शौर्य चक्र विजेता पंजीकृत हैं। इनमें छह सेवारत, 33 पूर्व, 16 विधवाएं तथा चार अन्य हैं। बागेश्वर में पंजीकृत वीर चक्र विजेताओं में स्व. सूबेदार मंगल सिंह निवासी कुलसीवी (1948 पाक युद्ध), स्व. नायब सूबेदार धन सिंह निवासी किटौली (1948 पाक), स्व. कैप्टन चंद्र सिंह ककड़ीगैर (1965 पाक), स्व हव शंकर दत्त स्याकोट (1971 पाक), स्व. सिपाही खड़क सिंह सूपी (1971 पाक), सूबेदार नंदन सिंह निवासी परमाटी (1971 पाक), नायब सूबेदार गंगा सिंह कपूरी (1971 पाक युद्ध) शामिल हैं।आज भी इस जनपद के नवयुवक देश की सेवा में सेवारत है।