हाथों में दर्द, झनझनाहट, अंगुलियों में घाव और नाखूनों के आसपास काला पड़ना अलग-अलग बीमारियों के संकेत

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नई दिल्ली। अक्सर लोग हाथों और अंगुलियों में दर्द की परेशानी बताते हैं। कुछ लोगों में दर्द के साथ सूजन की भी समस्या रहती है। वर्तमान में अधिसंख्य लोगों की दिनचर्या ऐसी है कि सुबह का टहलना व नियमित व्यायाम नहीं हो पाता है। ऐसे में लोग शिथिल व स्थूल हो रहे हैं। आपाधापी में शारीरिक व मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। इसलिए अधिक वजन के चलते गर्दन से हाथ की तरफ जाने वाली मस्तिष्क की नसों (नर्व) पर अनावश्यक दबाव पड़ने लगता है, जिससे हाथों में दर्द व झनझनाहट होने लगती है। इसे थोरेसिक आउटलेट सिंड्रोम कहते हैं। कभी-कभी गर्दन की मांसपेशियां भी सिकुड़ जाती हैं और नसों पर दबाव डालने लगती हैं। इससे गर्दन हिलाने पर भी हाथों में दर्द होता है।

हाथों में झनझनाहट- यदि हाथ में दर्द और अंगुलियों में झनझनाहट होती है तो इसका कारण सरवाईकल स्पोंडलाइटिस हो सकता है। इसमें कभी-कभी उल्टी या चक्कर आने की भी शिकायत होती है। लोग इसे पेट की बीमारी या दिमाग की बीमारी समझ बैठते हैं। शुरुआती दिनों में गर्दन की कसरत व वजन कम करके इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

हाथों में दर्द और सूजन की समस्या– वे महिलाएं जिनका वजन ज्यादा है और वे व्यायाम से दूर रहने के साथ ही घर के कामों से भी दूर रहती हैं, उनमें यह शिकायत सबसे अधिक होती है। इसका कारण अशुद्ध खून की नली पर कंधे के पास से बाहरी दबाव होता है। इस दबाव की वजह से अशुद्ध खून ऊपर नहीं चढ़ पाता और हाथों में दर्द व अंगुलियों में सूजन आ जाती है। यदि समय पर उपचार न हुआ तो यह समस्या कई बार गंभीर रूप भी ले लेती है।
अंगुलियों में कालापन- यह समस्या उन लोगों को होती है, जो किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। तंबाकू में पाया जाने वाला निकोटिन शुद्ध खून की आपूर्ति करने वाली हाथ की नलियों में सिकुड़न पैदा करता है। इससे हाथों को जाने वाली शुद्ध खून की आपूर्ति कम हो जाती है और हाथों में दर्द व अंगुलियों में नाखून के पास कालापन उभरने लगता है। कुछ मामलों में अंगुलियों के कालेपन का कारण वैस्कुलाइटिस बीमारी होता है। इसमें शुद्ध खून की नली की दीवारों में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से नली के अंदर खून प्रवाहित होने का रास्ता सिकुड़ जाता है। इससे अंगुलियां काली पड़ने लगती हैं।
दर्द के साथ घाव– यह परेशानी ज्यादातर उन लोगों में होती है, जो अधिक तनावग्रस्त रहते हैं। इस समस्या से महिलाएं अधिक ग्रस्त होती हैं। यह परेशानी अक्सर जाड़े के मौसम में उभरती है। इसमें ठंड की वजह से अंगुलियों को जाने वाली शुद्ध खून की आपूर्ति बाधित हो जाती है, जिससे अंगुलियां नीली पड़ जाती है व नाखून के पास घाव हो जाते हैं। इस समस्या से ग्रसित मरीजों को अधिक ठंड में बाहर जाने से बचना चाहिए।
आवश्यक जांचें एक्स-रे, गर्दन का सी.टी.स्कैन, एन.सी.वी. और आर.ए. फैक्टर

सामान्य उपचार– हाथों में होने वाली किसी भी प्रारंभिक समस्या के लिए प्रतिदिन टहलना शुरू करें और चिकित्सक की सलाह पर कुछ व्यायाम करें। वजन नियंत्रित रखें, नियमित धूप में बैठें। तंबाकू से बने किसी भी उत्पाद का सेवन न करें।
सर्जरी से समाधान- हाथों में होने वाली इन विभिन्न समस्याओं का समाधान सर्जरी द्वारा किया जाता है, लेकिन सर्जरी से समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। कई बार यह सुनिश्चत कर पाना कठिन होता है। सर्जरी द्वारा खून की नली की सफाई की जाती है जिससे हाथों में खून का प्रवाह सुचारु रूप से चल सके, लेकिन सर्जरी के बाद भी खानपान, सुव्यवस्थित दिनचर्या और चिकित्सक की सलाह की जरूरत बनी रहती है।(इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ वैस्कुलर व कार्डियो थोरेसिक सर्जन डा. के. के. पाण्डेय)

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