पूरे देश में कैंसर की नकली दवाएं बेचने का गिरोह सक्रिय
दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपित पिछले डेढ़ वर्षों से देशभर में दवाएं बेच रहे थे। पुलिस की कई टीमें आरोपितों के अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर रहीं हैं। अधिकारियों का कहना कि मामले में अभी कई और आरोपितों की गिरफ्तारी होगी।
नई दिल्ली। कैंसर की नकली दवाई बनाकर बेचने के मामले में बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपितों से पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरोह के चौथे सदस्य अमित दुआ को गिरफ्तार किया है। वह हरियाणा के करनाल जिले के रामनगर स्थित सुखदेव कालोनी का रहने वाला है। मुख्य रूप से यही करनाल में नकली दवाइयों का उत्पादन करवा रहा था। दवाइयों के निर्माण के लिए अमित ने कई उपकरण भी मुहैया कराए थे। दिल्ली पुलिस टीम ने अमित के घर से दवाएं बनाने के उपकरणों को भी बरामद किया है।
पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपित पिछले डेढ़ वर्षों से देशभर में दवाएं बेच रहे थे। पुलिस की कई टीमें आरोपितों के अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर रहीं हैं। अधिकारियों का कहना कि इस मामले में अभी कई और आरोपितों की गिरफ्तारी होगी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि देश में बनीं कैंसर की दवाओं के मुकाबले बांग्लादेश में बनी कैंसर की दवाएं सस्ती होती हैं। ऐसे में बांग्लादेश में बनी दवाओं को अवैध तरीके से देश में लाया जाता था। इन दवाओं में एक्सपायर दवाएं भी होती थी। ऐसे में आरोपित एक्सपायर दवाओं में मिलावट करके उपकरणों की मदद से बांग्लादेशी कंपनी का रैपर बदलते थे। इसके बाद इन दवाओं को मरीजों को महंगी कीमत पर बेचते थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अमित आयकर से संबंधित काम करता था, साथ ही वह कानून का जानकार भी है। वह रोहिणी सेक्टर 22 निवासी सोनू चौधरी, जैतपुर निवासी सद्दाम हुसैन राजा अंसारी और अफसर अली से इन दवाओं का उत्पादन करवाता था। सोनू चौधरी का काम कच्चा माल उपलब्ध कराने का था। अफसर अली बांग्लादेश की दवाओं को खरीदने का काम कर रहा था। वहीं आरोपित सद्दाम हुसैन राजा अंसारी इन दवाओं को बनाने का काम करता था। इसने एम फार्मा किया हुआ है। फिलहाल क्राइम ब्रांच इस मामले में विस्तृत जांच कर रही है।