आखिर त्रिवेंद्र सिंह रावत नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, फैसले में छिपा है एक बड़ा राजनीतिक संदेश

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2022 देहरादून।उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में नेतृत्व को लेकर भाजपा हाईकमान किसी भी तरह का संशय नहीं रखना चाहता। राजनीतिक प्रेक्षक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा चुनाव न लड़ने के संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे गए पत्र के पीछे भी कुछ इसी तरह का संदेश छिपा होना मानते हैं। त्रिवेंद्र अब पार्टी संगठन में अपनी भूमिका चाहते हैं। यह भी उनके पत्र से जाहिर होता है। कुल मिलाकर यह कि सरकार बनने की स्थिति में युवा नेतृत्व के लिए किसी तरह की चुनौती पेश न होने पाए, इसी को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक तौर पर चुनावी अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है।भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व धामी को प्रदेश सरकार की कमान सौंपने के वक्त ही साफ कर चुका था कि अगला चुनाव उन्हीं के कंधों पर लड़ा जाएगा। यह भी स्पष्ट कर दिया गया था कि धामी ही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। बुधवार को अपना फैसला सार्वजनिक करके पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक तरह से यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वह धामी की राह निष्कंटक करना चाहते हैं। त्रिवेंद्र को चार साल का कार्यकाल पूरा करने से नौ दिन पहले जिस तरह मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, उससे वे आहत जरूर हुए, लेकिन उन्होंने इस बारे में कहीं कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की।

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