आखिर तीरथ सिंह रावत के लिए कौन विधायक देगा अपनी राजनीतिक बलि

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वर्तमान में भाजपा की हालत नाजुक बनी हुई है साढ़े चार साल में किस विधायक ने अपने विधान सभा क्षेत्र में क्या काम किए ।इसकी रिपोर्ट कार्ड खुद जनता बता देगी ।
उत्तराखंड की जनता भाजपा के काम -काज से गुस्साये हुए है कोई भी विधायक इस कोविड महामारी के वक्त अपने विधान सभा क्षेत्र की जनता के साथ खड़ी नहीं हुई जो लोग बाहर से आए हुए है उन्हें स्कूला,ें पंचायत घरों में ठहराये हुए है उन्हें कोई सुविधा नहीं है कोई जनप्रतिनिधी ने उनकी सुध ली है। वहीं विकास के नाम पर एक खड़चा तक नहीं बनाया । भाजपा सांसद ने जिन गांवों को गोद लिया है उनकी तरफ एक बार पलटकर नहीं दिखा ं वहां के ग्रामीणों ने श्रमदान कर रोड बनाई है। कैसे ये लोग दुबारा वोट मांगने लिए उन लोगों के पास जायेगें और वे लोग क्या सलूक करेगें यह आने वाला वक्त ही बतायेगा। बहरहाल भाजपा मंथन कर रही है क्या किया जाय ।

देहरादून । मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए कौन विधायक सीट छोड़ेंगे, इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में इस पर मंथन शुरू हो गया है।

तीरथ ने दस मार्च को सीएम पद की शपथ ली थी। पद पर बने रहने को उकना छह माह में विधानसभा के लिए निर्वाचित होना जरूरी है। इस हिसाब से उन्हें 10 अगस्त से पहले विधायक का चुनाव जीतना होगा। इस संबंध में पूछे जाने पर तीरथ ने सीट को लेकर पत्ते नहीं खोले और कहा कि इसमें काफी समय है। राज्य में आगामी दिसंबर या जनवरी के पहले हफ्ते में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऐसे में भाजपा चाहेगी कि तीरथ के लिए ऐसी सीट तलाशी जाए, जहां जीत का अंतर बढ़ाया जा सके। पार्टी में फिलहाल कर्णप्रयाग व यमकेश्वर सीट की चर्चाएं हैं।
कर्णप्रयाग विधायक सुरेंद्र नेगी लंबे समय से बीमार हैं। वहीं, इस सीट पर कांग्रेस के सबसे मजबूत दावेदार रहे पूर्व विधायक एपी मैखुरी का निधन हो चुका है। इसके अलावा राज्य गठन के बाद से यमकेश्वर सीट हमेशा भाजपा की झोली में आई है। पहले विजय बड़थ्वाल यहां से तीन बार विधायक रह चुकी हैं। अब पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु विधायक हैं। चूंकि, खंडूड़ी को तीरथ का सियासी गुरु माना जाता है, लिहाजा वे भी इसमें मदद कर सकते हैं।

विधायक गोपाल रावत के निधन से गंगोत्री सीट भी रिक्त है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा, वैसे तो पांच विधायक सीएम के लिए सीट छोड़ने को तैयार हैं। बकौल कौशिक, सीएम के लिए जल्द ही विधानसभा सीट का चयन होगा। तीरथ सिंह रावत गढ़वाल सांसद भी हैं। पार्टी के एक हल्के में यह भी चर्चा है कि जो विधायक सीएम के लिए सीट छोड़ेंगे, उन्हें सांसद का टिकट मिल सकता है। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि यमकेश्वर विधायक ऋतु सीट छोड़ती हैं तो उन्हें पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का मौका मिलना संभव है।

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