डेल्टा और ओमिक्रोन के बाद आया NeoCoV, जानिए इसके बारे में जरूरी बातें
अभी दुनिया कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट को ठीक से समझ भी नहीं पायी थी कि अब एक नया वेरिएंट सामने आया है. चीन के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में कहा है कि दक्षिण अफ्रिका में सामने आया वेरिएंट नियोकोव (NeoCov variant) सबसे ज्यादा तेजी से फैल सकता है. यह काफी घातक भी साबित हो सकता है.
वुहान में वैज्ञानिकों ने एक नए प्रकार के कोरोनावायरस ‘NeoCoV’ की चेतावनी दी है, जिसके बारे में उनका अनुमान है कि इससे संभावित रूप से ज्यादा मृत्यु और संक्रमण दर हो सकती है. चीनी शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, एक प्रकार का कोरोनावायरस, ‘NeoCoV’, जो दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों के बीच फैला है, भविष्य में मनुष्यों के लिए खतरा पैदा कर सकता है.
आइए, ‘NeoCoV’ के बारे में जानते हैं वो खास बातें जो आपको ज़रूर पता होनी चाहिएः
- कोरोना वायरस के कई वैरिएंट हैं, जो सामान्य सर्दी से लेकर Severe Acute Respiratory Syndrome (SARS) तक की बीमारियों का कारण बन सकता है.
- स्पुतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, ‘NeoCoV’ सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों की आबादी में पाया गया और फिर यह जानवरों में फैल गया.
- यह अभी तक किसी भी इंसान को इससे संक्रमित नहीं पाया गया है, फिर भी वैज्ञानिक इस स्थिति के लिए तैयार हैं.
- वुहान स्थित वैज्ञानिकों के एक नए अध्ययन ने हाल ही में दावा किया है कि एक म्यूटेशन से जानवरों से मनुष्यों में वायरस का संक्रमण हो सकता है.
- यदि वायरस उस एक म्यूटेशन को प्राप्त कर लेता है, तो वायरस NeoCoV मानव कोशिकाओं में घुसने और जोखिम पैदा करने में सक्षम होगा, क्योंकि यह ACE2 रिसेप्टर को कोरोनावायरस से अलग तरीके से बांधता है. रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन वायरस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो इसे कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमण की ओर ले जाने के लिए शरीर के रिसेप्टर्स को घुसने की अनुमति देता है.
- नया वायरस NeoCoV कोरोनावायरस के समान नहीं है. हाल ही में एक अध्ययन से पता चला है कि ये Middle East respiratory syndrome (MERS) का कारण बन सकता है. एक वायरल बीमारी जिसे पहली बार 2012 में सऊदी अरब में पहचाना गया है