यशपाल आर्य के जाने के बाद अब कैबीनेट मंत्री हरक सिंह में भी बैचेनी

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देहरादून । दबे मन से कह रहे कि अबकि बार यानि 2022 में विधान सभा चुनाव नहीं लड़गें । हरक सिंह रावत मार्च 2016 में काग्रेस से बागीबनकर भाजपा में शामिल हो गये थे ं। अब अलग -अलग बयानबाजी से सबकी नजर अब हरक सिंह पर टिकी हुई है।
आपको बता दें कि हरक ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि वह पार्टी के सभी नेताओं से कह चुके हैं कि अब उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक वह छह बार विधायक, कई बार मंत्री रह चुके हैं। है।
दरअसल, अपने बेबाक बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत विभिन्न मामलों में अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में उन्होंने कई निर्णयों पर अंगुली उठाई थी। प्रदेश सरकार में हुए नेतृत्व परिवर्तन के दौरान भी हरक सिंह ने नाराजगी व्यक्त की थी। अब जबकि सियासी उठापठक का दौर चल रहा है तो इसके बीच हरक के बयान को उनके नए राजनीतिक दांव के तौर पर भी देखा जा रहा है। पार्टी में राजनीतिक हलचल के बीच हरक ने फिर एलान किया कि उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। सियासी गलियारों में इसे उनका राजनीतिक दांव भी माना जा रहा है।

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