अल्मोड़ा हादसे ने दिलाई ढाई साल पहले धूमाकोट घटना की याद, काल के गाल में समा गई थीं 33 जिंदगियां

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लालढांग से लेकर धूमाकोट तक करीब 11 बैरियर और चेक प्वाइंट पड़े, लेकिन इस बस की कहीं भी चेकिंग नहीं की गई कि बस अवोरलोड है परिवहन विभाग व पुलिस सोये रहती है जब हादसा हो जाता है तब नींद खुलती है

देहरादून । छह जून 2022 को हरिद्वार के लालढांग से जीएमओयू की एक बस बरातियों को लेकर पौड़ी के बीरखाल के लिए निकली थी। शाम करीब साढ़े आठ बजे बस धूमकोट के जंगल में सड़क किनारे पैराफिट से टकरा गई।
अल्मोड़ा में बस हादसा ढाई साल पहले पौड़ी के धूमाकोट में हुए बस हादसे की याद ताजा कर गया। जून 2022 में 52 बरातियों से भरी बस 500 मीटर खाई में जा गिरी थी। हादसे में कुल 33 लोगों ने जान गवाई और 20 यात्री गंभीर और आंशिक रूप से घायल हुए थे। खाई में करीब 25 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था। अक्तूबर में आई रिपोर्ट में पता चला कि बस ओवरलोड थी ही साथ में ओवरस्पीड भी हादसे का कारण बनी थी।
छह जून 2022 को हरिद्वार के लालढांग से जीएमओयू की एक बस बरातियों को लेकर पौड़ी के बीरखाल के लिए निकली थी। शाम करीब साढ़े आठ बजे बस धूमाकोट के जंगल में सड़क किनारे पैराफिट से टकरा गई।
चालक बस से नियंत्रण खो बैठा और बस 500 मीटर खाई में जा गिरी। बस खाई में गिरी है इसका पता भी वहां से गुजर रहे एक वाहन स्वामी ने पुलिस को दी। मौके पर पुलिस, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने 25 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। हादसे में कुल 33 लोग मारे गए जबकि 20 घायल हुए।
बस ओवरलोड थी
हादसे की जांच बैठी और अक्तूबर 2022 में रिपोर्ट आई। पता चला कि बस ओवरलोड थी। यही एक कारण नहीं था बल्कि बस चालक निर्धारित गति से अधिक पर बस चला रहा था। यह भी इसकी मुख्य वजह बनी। लालढांग से लेकर धूमाकोट तक करीब 11 बैरियर और चेक प्वाइंट पड़े, लेकिन इस बस की कहीं भी चेकिंग नहीं की गई।

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