तमिलनाडु के नीलगिरी में सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी व अन्य अधिकारियों समेत कुल 14 लोग सवार थे
देहरादून । तमिलनाडु के नीलगिरी में सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी व अन्य अधिकारियों समेत कुल 14 लोग सवार थे। वायु सेना ने हादसे का कारण जानने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। वहीं इस हादसे के बाद से उत्तराखंड के लोग हाल जानने के लिए बेचैन है।
सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं। रावत पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लाक के सैंण गांव के मूल निवासी हैं। उनकी पत्नी उत्तरकाशी जिले से हैं। जानकारी के मुताबिक देहरादून में जनरल बिपिन रावत का घर भी बन रहा है। जनरल बिपिन रावत थलसेना के प्रमुख रहे हैं। रिटायरमेंट से एक दिन पहले बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाया गया। इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवीं बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने देहरादून में कैंब्रियन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से शिक्षा ली है। आईएमए में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सोर्ड ऑफ ऑनर सम्मान से भी नवाजा गया था।
परिवार वालों का कहना है कि उनके परिवार में सभी बच्चों के सामने जनरल बिपिन और उनके पिता का उदाहरण पेश किया जाता है।
सीडीएस बिपिन रावत अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर युद्ध और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की खासा जानकारी और अनुभव रखते हैं। उन्होंने पूर्वी सैक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफेंट्री बटालियन की कमान संभाली है। उन्होंने कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और एक इंफेंट्री डिविजन की कमान संभाली है। जनरल रावत ने सेना मुख्यालय की सेना सचिव शाखा में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है।उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए पुरस्कृत भी किया गया है, जिनमें यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम, सीओएएस प्रशस्ति शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करते हुए उन्हें दो बार फोर्स कमांडर प्रशस्ति पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। सेना उप प्रमुख का पद संभालने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत दक्षिणी कमान के कमांडर थे।