विधानसभा भर्ती घोटाला: प्रेमचंद अग्रवाल पर बना इस्तीफे का दबाव
देहरादून । विशेषज्ञ जांच कमेटी की सिफारिश पर विधानसभा में 2021 व 2022 में हुई तदर्थ नियुक्तियां रद्द होने के बाद तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर इस्तीफे का दबाव बन गया है। कांग्रेस, यूकेडी व अन्य दलों से उनके इस्तीफे मांग तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर भी उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने को लेकर पोस्ट वायरल हो रही है।
इस पूरे मामले में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर भी नैतिक दबाव बनता दिख रहा है। पार्टी तदर्थ नियुक्तियों को रद्द करने का तो श्रेय ले रही है, लेकिन नियम विरुद्घ नियुक्तियां करने पर तत्कालीन स्पीकर की जवाबदेही और उन पर कार्रवाई के सवाल से बच रही है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि यह मामला विधानसभा का है। पीठ के स्तर से नियुक्तियां हुईं और पीठ के स्तर से ही इन्हें रद्द करने का निर्णय हुआ। इस पूरे मामले का अध्ययन करने के बाद ही वह कुछ कहने की स्थिति में होंगे।