छात्रवृत्ति घोटाले में सहायक खंड विकास अधिकारी गिरफ्तार, बड़ी मछलियों को कब पकड़ेगी एसआइटी
देहरादूनं। सरकार सरकारी कर्मचारी व अधिकरियों को इतना भरकम वेतन देने के बाबजूद भी इनकी गिद्व नजर नहीं छूटती है और नही पेट भरता है। ये इतने भ्रष्ट हो चुके है कि सरकारी संपत्ति व जनता के धन को निगल लें । करोड़ों रूपये डकार गये ।
छात्रवृत्ति घोटाले में विशेष अन्वेषण दल (एसआइटी) ने उत्तरकाशी के डुंडा ब्लाक में तैनात सहायक खंड विकास अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित के खिलाफ पूर्व में देहरादून में सहायक समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए फर्जी जांच के आधार पर लाखों रुपये की छात्रवृत्ति का आवंटन करने का आरोप है।
मामले की जांच कर रहे निरीक्षक मनोज असवाल ने बताया कि श्रीराम इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी, मेरठ को जिला समाज कल्याण अधिकारी, देहरादून ने वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक एक करोड़, 45 लाख रुपये छात्रवृत्ति जारी की गई थी। अनियमितता पाए जाने पर एसआइटी ने डालनवाला कोतवाली में संस्थान के खिलाफ वर्ष 2019 में मुकदमा दर्ज करवाया था। विवेचना में संस्थान के स्वामी राजू बाबू अग्रवाल सहित छह के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पाए गए और कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इसके बाद अधिकारियों की भूमिका पर विवेचना की गई तो पाया गया कि तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी रामअवतार व तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी ने फर्जी जांच के आधार पर संस्थान को छात्रवृत्ति की धनराशि का आवंटन कर दिया। इस संबंध में तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी रामअवतार (अन्य मुकदमों में जेल में बंद है) को भी इस केस में शामिल किया गया।
इंस्पेक्टर असवाल ने बताया कि जांच में सामने आया कि वर्ष 2013-14 के छात्रवृत्ति मांगपत्र का सत्यापन दिनेश चंद्र जोशी ने किया था। इस सत्यापन से संबंधित छात्रों की धनराशि 75 लाख, 42 हजार रुपये प्रदान की गई थी, लेकिन छात्रों को उक्त संस्थान में अपने प्रवेश व संस्थान की ओर से खुलवाए गए बैंक खातों की कोई जानकारी नहीं थी। आरोपित दिनेश चंद्र जोशी 10 जनवरी को अपना पक्ष रखने के लिए एसआइटी कार्यालय हरिद्वार पहुंचे थे। सत्यापन के संबंध में पूछताछ करने पर उन्होंने ने बताया कि उन्होंने छात्रों का भौतिक सत्यापन नहीं किया। मात्र संस्थान की ओर से उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर ही छात्रवृत्ति के लिए पात्र पाए जाने की संस्तुति कर दी। विवेचना में छात्रों के बयान, बैंक खातों की जांच के बाद पर्याप्त साक्ष्य एकत्रित कर दिनेश चंद्र जोशी निवासी श्रीएन्क्लेव पंडितवाड़ी, देहरादून को पूछताछ के बाद हरिद्वार में ही गिरफ्तार कर लिया गया।