धारचूला में बादल फटने से तबाही का मंजर,बच्चों सहित 12 लोग मलवे में दबे पांच शव बरामद
धारचूला तहसील से 12 किमी दूर जुम्मा गांव में बादल फटने से अपने घरों में रह रहे परिवार के लोगों की चीख पुकार से घाटी दहल गई इस दर्दनाक तबाही में 12 लोगों ने अपनी जीवन लीला इसी म्ट्टिी में दफन कर दी इस तबाही में पांच शव बरामद हो गये है। जिसमें बच्चें भी है। सर्वाधिक तबाही इसी गांव में मची है।
पिथौरागढ़ । उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील और नेपाल के गांव में एक साथ बादल फटने से रविवार रात भारी तबाही मची है। धारचूला तहसील से 12 किमी दूर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जुम्मा गांव का संपर्क शेष जगत से कट गया है। सर्वाधिक तबाही इसी गांव में मची है। गांव के 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं। जिसमें रेस्क्यू अभियान में अब तक तीन बच्चों समेत चार शव बरामद कर लिए गए हैं। गांव में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व दल मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान चला रहा है। हाइवे सहित सभी पैदल मार्ग बंद होने से गांव तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।
वहीं नेपाल के सिरबगड़ में बादल फटने से आए मलबे से काली नदी का प्रवाह रोक दिया। जिसके चलते धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के प्रशासनिक कार्यालय और कॉलोनी तक काली नदी का पानी जमा हो गया। कॉलोनी में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने दहशत के साए में तीन मंजिला भवन की छत पर रात गुजारी। धारचूला में अंतरराष्ट्रीय झूला पुल तक पानी पहुंच गया। रात को एसडीएम और पुलिस ने नदी किनारे स्थित मकानों में रहने वाले लोगों को सजग किया। जुम्मा के खातपोली में दो महिलाएं औऱ जामुनी तोक में 6 से 7 लोग तक लापता बताए जा रहे हैं।
काली नदी समेत तीन नदियों ने लिया रौद्र रूप ले लिया है। सीमांत में बादल फटने से काली नदी, कूलागाड़ और एलागाड़ ने रौद्र रूप ले लिया है। जुम्मा गांव के चामी तोक में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बादल फटने से आई आपदा से खोज एवं बचाव कार्य के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश देकर अधिकारियों को क्षेत्र में भेज दिया है।