बागेश्वर ,पिथौरागढ़ को अलग संसदीय क्षेत्र बनाने की मांग जगी , कहा जनजागृति अभियान चलाया जायेगा

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पिथौरागढ़। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र से सीमांत जिला बागेश्वर, पिथौरागढ़ को अलग कर पृथक संसदीय क्षेत्र बनाने की मांग उठी है। पिथौरागढ़ के रूईना गांव निवासी कमांडर युद्धिष्ठर सिंह बिष्ट ने इस संबंध में परिसीमन आयोग नई दिल्ली और मुख्यमंत्री कार्यालय अनुभाग-दो को पत्र भेजा था। उनके पत्र के बाद सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड ने भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें संसदीय क्षेत्र के परिसीमन कराने की बात कही गई है।
आपको बता दें कि अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ संसदीय सीट की भौगोलिक परिस्थितियां जटिल हैं। इसमें अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ के अलावा चंपावत और बागेश्वर जिला भी शामिल है। संसदीय सीट बड़ी होने से बागेश्वर व पिथौरागढ़ का विकास नहीं हो पा रहा है। इस कारण लोग अलग संसदीय क्षेत्र की मांग कर रहे हैं। कमांडर युद्धिष्ठर सिंह का कहना है कि उन्होंने पिथौरागढ़ में यूपीएससी के सेंटर, रेडियो स्टेशन, नाट्य अकादमी और एआरओ के स्थान पर जेडआरओ खोलने की मांग को लेकर केंद्र सरकार को पत्र भेजा था। उन्हें वहां से उत्तर मिला कि अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में यूपीसीएससी की स्वीकृति है। वहां पहले से रेडियो स्टेशन, नाट्य अकादमी और तीन यूनीवर्सिटी होने की बात कही गई। इस पर उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय अनुभाग-दो और परिसीमन आयोग नई दिल्ली को पत्र भेजा। मुख्यमंत्री कार्यालय और परिसीमन आयोग ने उनके पत्र को सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड को भेजा, जिसके बाद सहायक मुख्य निर्वाचन कार्यालय से अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र से पिथौरागढ़ को अलग करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेज दिया है।
बागेश्वर व पिथौरागढ़ दो जिलों को मिलाकर ा संसदीय क्षेत्र बनने के सारे मानक पूरा करता है। पिथौरागढ़ चीन और नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से भी लगा है, जिस कारण इसे अलग संसदीय क्षेत्र बनाना जरूरी है।

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