बागेश्वर विधान सभा उपचुनाव ,मतदान को लेकर उत्साह, पांच बजे के बाद भी लाइनों में लगे मतदाता
लाहुर घाटी के नौ बूथ संचार विहीन हैं। इन बूथों में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए पुलिस के रिपीटर लगाए गए
पन्द्रहपाली । ( बागेश्वर ) । उत्तराखंड बने 23 साल पूरे होने को है आजतक किसी भी राजनैतिक दल ने इस घाटी की सुध नहीं जबकि इस लाहुर घाटी दो विधान सभाओं का क्षेत्र आता है कपकोट व बागेश्वर , कई बार सांसद अजय टम्टा से क्षेत्र के लोगों ने घाटी की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा आजतक सांसद ने किसी भी कार्य के लिए सुध नहीं ली क्षेत्र के कई लोग संचार सुविधा को लेकर मिलने गये लेकिन सांसद ने मिलने के लिए मना कर दिया कहा हम कुछ नहीं कर सकते यह संचार विभाग का मामला है ।
ऐसे जनप्रतिनिधि से क्षेत्र की जनता क्या अपेक्षा कर सकती है।
बागेश्वर । विधानसभा सीट में सुबह से हो रहे बारिश से उपचुनाव के लिए सभी मतदान केंद्रों पर मतदान शुरू हो गया है। रातभर हुई बारिश के चलते अभी कम संख्या में लोग पोलिंग बूथ पहुंचे हैं। मौसम खुलने के साथ ही धीरे-धीरे मतदान केंद्रों पर भीड़ जुटने की संभावना है।
आपको बता दें कि उपचुनाव में मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ था। वहीं, दोपहर एक बजे तक 41.8ः मतदान हुआ। मतदान के लिए युवाओं के साथ ही बुजुर्गों में भी उत्साह दिखा। बड़ी संख्या में मतदाता मतदान के लिए पहुंचे।
बुजुर्गों में भी मतदान को लेकर उत्साह
दिन चढ़ने के साथ ही मतदान को लेकर लोगों में उत्साह दिख रहा है। डंगोली बूथ पर 95 वर्षीय बुजुर्ग बिरमा देवी को कुर्सी पर बैठाकर लोग मतदान केंद्र तक लाए। वहीं पहली बार वोट डालने पहुंचे युवाओं में भी उत्सा दिखा।
बागेश्वर उपचुनाव में मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ था। वहीं, सुबह 11 बजे तक 22.94ः मतदान हुआ। दिव्यांग वोटर भी वोट डालने पहुंचे। मतदान के लिए युवाओं के साथ ही बुजुर्गों में भी उत्साह दिखा।
उपचुनाव में मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ था। वहीं, सुबह नौ बजे तक 10.2ः मतदान हुआ। मतदान के लिए युवाओं के साथ ही बुजुर्गों में भी उत्साह दिखा। दिव्यांग वोटर भी
कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार ने मंडलसेरा बूथ पर अपनी पत्नी रितु बसंत के साथ मतदान किया। वहीं, भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास ने भी सैनिक कल्याण कार्यालय स्थित बूथ पर वोट डाला।
ईवीएम पर लाइट पड़ने से दिक्कत
बूथ संख्या 181 व 182 में ईवीएम पर सीधे लाइट पड़ रही है। जिसके चलते लोगों को चुनाव चिन्ह स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहे हैं। टीम इस दिक्कत को दूर करने में जुटी है।
विद्यालय सिमगड़ी संचार सुविधा से वंचित हैं।