बागेश्वर का एतिहासिक मेले को कोरोना की मार , फिर भी तैयारियां पूरी
बागेश्वर। बागनाथ की नगरी में मकर संक्रांति के स्नान की तैयारी तेज हो गई हैं। नगरपालिका ने नगर के सूरजकुंड में जनेऊ संस्कार के लिए बनाए गए जनेऊ घाट का समतलीकरण का कार्य शुरू कर दिया है।
कोरोना संक्रमण के कारण इस बार भी उत्तरायणी का मेला नहीं मनाया जा रहा है। धार्मिक आयोजनों पर किसी तरह की रोक नहीं है। कोविड दिशानिर्देशों के अनुसार धार्मिक आयोजन होंगे। मकर संक्रांति (14 जनवरी) पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु सरयू और गोमती के संगम पर स्नान के लिए पहुंचते हैं। सूरजकुंड में मकर संक्रांति के स्नान का विशेष महत्व है।इस दिन यहां पर बड़ी संख्या में जनेऊ संस्कार किए जाते हैं। जिले के बाहर से भी लोग बागेश्वर पहुंचते हैं। मकर संक्रांति से तीन दिन तक यानी 16 जनवरी तक माघ स्नान करने वालों का सरयू और गोमती के संगम में तांता लगेगा। लोग देवताओं को भी स्नान कराने के लिए संगम पर पहुंचते हैं।
पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने बताया कि सूरजकुंड में जनेऊ घाट को बृहस्पतिवार तक समतल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि माघ स्नान और उपनयन संस्कार के लिए आने वाले लोगों को नगरपालिका पूरी सुविधा प्रदान करेगी। सरयू और गोमती में बनाई गई अस्थायी पुलिया भी श्रद्धालुओं के लिए मददगार साबित होगी। बागनाथ मंदिर कमेटी ने एसपी को पत्र देकर मकर संक्रांति से अगले तीन तक बागनाथ मंदिर परिसर में पुलिस बल तैनात करने की मांग की है। उन्होंने मंदिर परिसर से भिखारियों को भी हटाने की मांग की है। कमेटी ने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही श्रद्धालुओं को कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन कराने के लिए भी मंदिर में पुलिस बल तैनात करना आवश्यक है। वहां पर कमेटी के अध्यक्ष नंदन सिंह रावल, सचिव बाला दत्त तिवारी, कोषाध्यक्ष राजा साह गंगोला थे।
उत्तरायणी मेला स्थगित करने के आदेश पारित किए गए थे। संक्रांति के स्नान और माघ स्नान पर किसी तरह की रोक नहीं है। धार्मिक अनुष्ठान और यज्ञोपवीत संस्कार किए जा सकते हैं। हालांकि श्रद्धालुओं को मास्क लगाना होगा और दो गज की दूरी का पालन करना होगा। नियमों के उल्लंघन पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
-विनीत कुमार, डीएम बागेश्वर