जनविरोध के चलते पूर्व सीएम त्रिवेंन्द्र सिंह बाबा केदारनाथ के दर्शन नहीं कर पाए

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रूद्रप्रयाग। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोध होने पर वे आधे रारस्ते से ही वापस लौट आए । केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मंदिर तक भी नहीं पहुंच पाए। केदारनाथ में करीब पांच घंटे बिताने के बाद वह वहां से लौट गए। यहां से सीधे त्रिजुगीनारायण पहुंचे और परिसर में ग्रामीणों से बातचीत की।
इस दौरान उन्होंने बोर्ड के गठन के फैसले को उचित ठहराया। कहा कि आज भले ही कुछ लोग जानबूझकर इसका विरोध कर रहे हों, लेकिन बाद में उन्हें इसका महत्व समझ आएगा।

उनका कहना है कि सरकार का काम अपने अतिथियों को सुविधाएं देना होता है। अतिथि देवो भवरू को सर्वाेपरि मानते हुए ही देवस्थानम बोर्ड की नींव रखी गई। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि त्रिजुगीनारायण मंदिर के देवस्थानम बोर्ड के तहत आने से न केवल मंदिर की व्यवस्था दुरुस्त होगी, बल्कि यात्रियों के साथ ही स्थानीय निवासियों को भी लाभ मिलेगा।

केदारनाथ में हुआ पूर्व सीएम का विरोधचार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग करने की मांग कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ पहुंचने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री धन सिंह का विरोध किया। एक घंटे तक तीनों नेताओं का घेराव किया और खरी-खोटी सुनाई। इसके चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत मंदिर तक नहीं पहुंच पाए। इसके बाद कुछ देर गढ़वाल मंडल विकास निगम के विश्राम गृह में ठहरने के बाद वह लौट गए। मदन कौशिक और धन सिंह विरोध से पहले बाबा केदार के दर्शन कर चुके थे।

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