रूद्रपुर से ठुकराल का टिकट काटने का जोखिम लेने में कतरा रही है भाजपा
रूद्रपुर । उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 59 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं और जिन 11 सीटों को होल्ड पर रखा गया है उनमें रुद्रपुर भी शामिल है. इस सीट पर दो बार से बीजेपी से राजकुमार ठुकराल विधायक हैं. उनका टिकट कटने की चर्चा जोरों पर है. इस सीट पर जिलाध्यक्ष शिव अरोरा टिकट के प्रबल दावेदार हैं. वहीं पार्टी मौजूदा विधायक का टिकट काटने और नए चेहरे को उतारने की परिस्थितियों का बेहद बारीकी से आकलन कर रही है.
बीजेपी से रुद्रपुर सीट पर 8 लोगों ने टिकट मांगा था, जिनमें विधायक राजकुमार ठुकराल, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौहान, पूर्व जिलाध्यक्ष उत्तम दत्ता, विकास शर्मा, सुरेश कोली, नेत्रपाल मौर्य, मोनिका गुप्ता शामिल रहे, लेकिन टिकट की जंग ठुकराल और शिव अरोरा तक ही सिमटकर रह गई है. बताया जा रहा है कि शिव की पैरवी आरएसएस के कुछ लोग कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी हालिया स्थितियों में सिटिंग विधायक और पार्टी के बड़े हिंदुत्ववादी चेहरे ठुकराल का टिकट काटने का जोखिम लेने में कतरा रही है. पार्टी में ठुकराल का टिकट काटने की दशा में होने वाले सियासी नुकसान का भी आकलन हो रहा है.
सियासी गलियारे में चर्चा है कि रुद्रपुर सीट पर सिटिंग विधायक राजकुमार ठुकराल के टिकट की राह में उनकी बदजुबानी आड़े आई है. वे अक्सर अपशब्दों को लेकर सुर्खियों में आते रहे हैं. हाल ही में हुई गौवंशीय पशु काटने की घटना में उन्होंने कांग्रेस नेता के साथ गालीगलौच की थी. सूत्रों के अनुसार उनकी जुबां से निकले अपशब्दों की ऑडियो पार्टी हाईकमान तक पहुंचाई गई है. बताया जा रहा है कि इस ऑडियो टेप में कुछ जगहों पर पार्टी नेताओं के खिलाफ भी टिप्पणी की गई है, जिसे पार्टी में गंभीरता से लिया गया है. माना जा रहा है कि यही ऑडियो टिकट काटने का कारण बन सकता है. हालांकि ठुकराल इसे सियासी षड्यंत्र बता चुके हैं और इस ऑडियो को फर्जी बताते हुए कोतवाली में तहरीर भी दे चुके हैं. उनका कहना है कि उनका सियासी करियर खत्म करने के लिए कुछ लोग साजिश रच रहे हैं.
ठुकराल और बीजेपी जिलाध्यक्ष शिव अरोरा के बीच अदावत किसी से छिपी नहीं है. दोनों एक दूसरे को विरोधी मानते रहे हैं. पार्टी को डर है कि ठुकराल का टिकट काटा तो वे निर्दलीय या अन्य पार्टी से चुनाव भी लड़ सकते हैं. ऐसे में पार्टी को इस सीट पर बड़ा नुकसान हो सकता है. इसके अलावा रुद्रपुर से सटी किच्छा सीट पर भी असर हो सकता है. हालांकि ठुकराल कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ने की बात कह रहे हैं और उनका कहना है कि वे बीजेपी से ही चुनाव लड़ेंगे. पार्टी ठुकराल को टिकट देती है या काटती है ये सोमवार को साफ हो सकता है। लेकिन ये सीट टिकट के लिहाज के बीजेपी के लिए बड़ा सिरदर्द बनी हुई है.