BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की पूर्व सीएम त्रिवेंद सिंह रावत से भर्ती घोटालों के बीच मुलाकत, धामी सरकार में हलचल
दिल्ली । भाजपा (BJP) राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पूर्व त्रिवेंद्र सिंह रावत की नई दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर हलचल मच गई है। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच उत्तराखंड से जुड़े मुद्दों पर बात होने का मामला सामने आया है। रावत की नड्डा से उस समय मुलाकात हुई है, जब उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी (UKSSSC) पेपर लीक, विधानसभा बैकडोर भर्ती, वन दारोगा भर्ती मामला गरमाया हुआ है। रावत पहले भी कई बार दिल्ली में आला नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं।
धामी के सीएम के दौरान भी भ्रष्टाचार है
भर्ती घपले को लेकर देहरादून में भारी संख्या में युवाओं ने सचिवालय कूच कर अपना विरोध दर्ज कराया है। सूत्रों की बात मानें तो, त्रिवेंद्र ने उत्तराखंड के विकास से जुड़ी करीब दर्जनभर योजनाओं के बारे में नड्डा से विस्तार से बात की है। नड्डा से मुलाकात करने के बाद त्रिवेंद्र ने भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से पार्टी कार्यालय में भी मुलाकात की है। सूत्रों की मानें तो राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से त्रिवेंद्र की करीब एक घंटे तक बातें हुईं हैं। पार्टी के आला नेताओं त्रिवेंद्र की मुलाकात से राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
भाजपा हाईकमान की भी भर्ती घोटाले पर नजर
भर्ती घोटाले में किरकिरी होने के बाद भाजपा हाईकमान की भी उत्तराखंड सरकार पर नजर है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सख्ती दिखाते हुए सभी भर्ती घपले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। यूकेएसएसएससी भर्ती घपले में एसटीएफ द्वारा 30 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभा बैकडोर भर्ती पर जांच भी बैठा दी है।
विधानसभा की विवादित भर्तियों में जांच टीम को प्रारंभिक चरण में फाइलों में कई अनियमितताएं मिली हैं। जांच टीम मंगलवार शाम देर तक फाइलों को खंगालती रही। जांच टीम के अध्यक्ष डीके कोटिया और सदस्य सुरेंद्र रावत तथा अवनेंद्र नयाल ने पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान हुई नियुक्तियों की फाइलों का परीक्षण किया।
गोविन्द सिंह कुंजवाल सबसे भ्रष्ट विधानसभा अध्यक्ष रहें केवल साधे पन्ने में अपने रिश्तेदारों को भर्ती कराया इसके अलावा करोड़ों रुपये वसूले , युवाओं ने सीबीआई की जांच की मांग कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया, फाइलों में गड़बड़ियां मिली हैं। बीते तीन दिन में टीम 55 से ज्यादा फाइलों का अवलोकन कर चुकी है। नियुक्ति संबंधी फाइलों में तमाम कर्मियों के सर्टिफिकेट तक नहीं मिले।