पुष्कर सिंह धामी पर भाजपा ने लगाया दांव
पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड सीएम का ताज तो पहन लिया लेकिन इन पांच महिने चुनौतियों से भरा हुआ है । वर्तमान साल चुनाव का साल है। भाजपा ने अंतिम दांव तो खेल दिया । चुनाव के वक्त है कैसे इनके विधायक जनता के बीच जायेगें काम तो कुछ किया नहीं केवल मुख्यमंत्री बदलते रहे । भाजपा को अपने पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाना है। इन तमाम सवालों के जवाब के साथ नए सीएम को जनता की अदालत में जाना है और उसमें कामयाब होते है या नहीं देखना है।
हल्द्वानी । नव निर्वाचित सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने सरकार, संगठन और दोनों को साथ लेकर चलने की चुनौती है। कई बार सार्वजनिक रूप से मंत्रियों के परस्पर मनभेद, विधायकों की नाराजगी सामने आती रहीं है। सीएम को न केवल सरकार में सभी मंत्रियों को साथ लेकर चलना है, बल्कि उनमें अपने नेत़त्व के प्रति विश्वास भी कायम करना है।
यहां आपको बता दे कि सरकार से ज्यादा नौकरशाही का राजपाट चलता है। आए दिन मंत्री-सचिवों के बीच होने वाली खटपट इसे साबित भी करती है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में सबसे कद्दावर माने जाने वाले मदन कौशिक, सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, राज्यमंत्री रेखा आर्य के विवाद तो खूब सुर्खियों में भी रहे। विधायकों में नाराजगी दिखने को मिली । अब नए सीएम को नौकरशाही को भी साधना और साथ ही नाथना भी होगा।
वर्तमान में कोविड 19 की दूसरी लहर अभी चंद दिनों से ही शांत है। विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका काफी समय से जता रहे हैं। पहले त्रिवेंद्र ओर फिर तीरथ सरकार में कोविड 19 प्रबंधन सवालों के घेरे में रहा। अब चूंकि तीसरी लहर की आशंका तेज है, ऐसे में नए सीएम के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती होगा।इसके अलावा नए सीएम को कोविड से प्रभावित लोगों को राहत भी देनी है और विकास की गाड़ी को भी तेजी से आगे बढ़ाना है। राज्य के राजस्व के स्रोतों को मजबूत करना है बल्कि केंद्र से भी ज्यादा से ज्यादा मदद लानी होगी।
सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा अपनी नीति को जीरो टालरेंस की नीति बताई रही है। लेकिन एनएच मुआवजा घोटाला चावल घोटाला, कोरोना फर्जी जांच घोटाला, कर्मकार बोर्ड विवाद समेत कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें शुरूआती कार्रवाई के बाद सरकार के तेवर नरम पड़ते दिखाई दिए हैं। जनता को पारदर्शी शासन और भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड देन सीएम के लिए बड़ी चुनौति रहेगी
उत्तराखंड में राजनीति को सबसे ज्यादा प्रभावित ढाई लाख से ज्यादा शिक्षक-कर्मचारी भी प्रभावित करते हैं। इस वक्त करीब करीब हर शिक्षक और कर्मचारी संगठन सरकारी सिस्टम से नाराज हैं। तबादला, प्रमोशन, ग्रेड पे, चयन-प्रोन्नत वेतनमान समेत कई विसंगतियां हैं, जिन्हें सीएम को हल कर शिक्षक-कार्मियेां का विश्वास जीतना होगा। इसके अलावा चारधाम यात्रा ,विरोजगारी सभी चुनौतियों का सामना करना कठिन डगर है देखना है कि किस तरह से चुनौतियों का सामना कर पायेगें ।