सांस नली में खाने-पीने की चीजें फंसने से हो सकती है डेथ

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हल्द्वानी । कभी- कभी खाते समय अचानक से खांसना। सांस नली में रुकावट के कारण ऐसा होता है। ऐसा, सांस की नली में खाने पीने की चीजें जाने से होता है। कई बार यह क्रिटिकल प्रॉब्लम बन सकती है। इससे एस्पीरेट निमोनिया और रेस्पिरेटरी सिस्टम फेलियर हो सकता है। बुजुर्ग और बीमार लोगों में यह होने पर उनकी डेथ होने का रिस्क बढ़ जाता है। बच्चों में यह साधारण प्रॉब्लम है। हमेशा बच्चों को दूध पिलाते समय उनका सिर थोड़ा ऊंचा रखना चाहिए।
जानलेवा जो सकता है सांस नली में खाद्य पदार्थ का जाना रू बीमारी के कारण जो लोग बिस्तर पर हैं। बीमारी में असर रोगी खाना पीना बंद कर देते हैं। ऐसे में जोर जबर्दस्ती करते हुए भी लोगों को देखा जाता है। यह स्थिति कभी कभी बहुत खतरनाक हो सकती है। यहां तक कि जानलेवा भी। खाने पीने की चीजें सांस की नली में चले जाने की स्थिति को चिकित्सकीय भाषा में ’एस्पीरेट’ करना कहा जाता है। बच्चों में यह बहुत कॉमन होता है। यही वजह होती है कि दूध पिलाते समय बच्चे का सिर थोडा उंचा रखा जाता है।
ऐसे पेशेंट में हो सकती है प्रॉब्लम
बीमारी में जो लोग चल-फिर नहीं पाते हैं। बिस्तर पर ही उन्हें खिलाया-पिलाया जाता है। ऐसे पेशेंट्स में एस्पिरेशन ज्यादा होता है। मिर्गी के दौरे से प्रभावित व्यक्ति, ऑपरेशन के बाद जो पेशेंट्स एनेस्थीसिया के नशे में रहते हैं। उन्हें खिलाते समय खाना सांस की नली में जा सकता है। बेहोशी की हालत में उल्टी होने पर लिक्विड या सॉलिड सांस की नली में चला जाता है। इसके अलावा न्यूरोेलॉजिकल डिसऑर्डर से प्रभावित व्यक्तियों में गले की नर्व में खराबी से भी ऐसा होता है।
एस्पीटेर निमोनिया और रेस्पिटेरी सिस्टम फेल होने पर पेशंेट्स क्रिटिकल केयर की जरुरत होती है। जहां दवाइयांे के जरिये सांस की नली तथा फेफडों में गई वस्तु को सक्शन के जरिये निकाला जाता है। ऐसे रोगियों को वेंटीलेटर पर रखा जाता है।

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