कांडा क्षेत्र में खड़िया खनन से कभी भी मच सकती है तबाही ,132 परिवार के मकानों में आई दरारें , जिला प्रशासन मौन

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उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के बाद अब बागेश्घ्वर में घरों में दरारें पड़ रही हैं। 132 परिवारों पर खतरा मंडरा रहा है। गांव वालों का कहना है कि दरार आना गत वर्ष से ही प्रारंभ हो गया था। वहीं एनजीटी ने कांडा में खनन से घरों व मंदिर में आई दरार का स्वतः संज्ञान लेने पर ग्रामीणों की उम्मीदें जगी हैं।

बागेश्वर। खड़िया खनन के परिणाम घातक हो सकते हैं। वर्तमान में भूस्खलन की जद में 132 परिवार हैं। जिसमें खनन क्षेत्र के 80 परिवार प्रभावित हैं। कांडा तहसील के 25 मकानों में दरार पड़ गई है। आदि शंकराचार्य स्थापित मां कालिका मंदिर भी सुरक्षित नहीं रह गया है। अलबत्ता खनन पहाड़ के लिए घातक साबित हो सकता है।
जिले में 132 खड़िया खान स्वीकृत हैं। 59 वर्किंग पर हैं। वर्षा ऋतु में खनन बंद था। कांडा क्षेत्र में आधा दर्जन खान स्वीकृत हैं। क्षेत्र के अस्तित्व को खतरा बना हुआ है। कांडे कन्याल, अन्नपूर्णा, गणवा सिरमोली, धपोली आदि क्षेत्रों में अवैध रूप से मशीनों से खनन हो रहा है।

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