चीफ फार्मेसिस्ट ने कोरोनाकाल में अतिरिक्त प्रभार से परेशान होने से कार्यमुक्त के लिए पत्र लिखा

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बागेश्वर । सरकार, विभागाध्यक्ष व जिला प्रशासन की वर्तमान कोरोनाकाल में स्वास्थ विभाग पर अत्यधिक दबाब है इस दबाब को सुलझाने के लिए ये तीनों मिलकर काम करें तो कर्मचारियों के लिए काम करना आसान हो सकता है लेकिन ऐसा काम नहीं करेगें एक ही के सिर पर चार पांच जिम्मेदरियां थोपा देना उचित नहीं है।
यहां जिला चिकित्सालय में तैनात प्रभारी चीफ फार्मेसिस्ट हरीश ऐठानी ने कोविड काल के दौरान चिकित्सालय में कई अनियमितताओं का आरोप लगाया। प्रभारी फार्मेसिस्ट से कार्यमुक्त किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि वह 17 मई को कोरोना पॉजिटिव पाए गए, इसके बाद भी उनका कार्यभार अन्य को प्रदान न किया जाना उनका उत्पीड़न है। मुख्य चिकित्साधीक्षक को दिए पत्र के अनुसार वह जिला चिकित्सालय में फार्मेसिस्ट हैं, परंतु एक वर्ष से उन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया है। वर्तमान में कोविडकाल चल रहा है, जिसके चलते चिकित्सालय में ऑक्सीजन की आपूद्दत की जा रही है, परंतु इसका अलग से कोई स्टॉक नहीं है। इसके अलावा कई लोग चिकित्सालय में दान कर रहे हैं, उसका भी अलग स्टॉक नहीं है। कहा कि पूर्व में क्रय किए गए सामान के भुगतान हेतु कंपनी की देनदारियां बड़ी हैं तथा उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में सांसद, विधायक समेत कई संस्थाएं जिला चिकित्सालय, ट्रामा सेंटर व डिग्री कॉलेज स्थित कोविड सेंटर की अलग-अलग स्टॉक बुक होनी चाहिए, परंतु ऐसा नहीं है। बीमारी की स्थिति में भी उनके पास कंपनी के प्रतिनिधि फोन करके भुगतान करने की बात कह रहे हैं, जिससे उनका उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने प्रभारी फार्मेसिस्ट के पदभार से मुक्त करने की मांग की है।

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