बागेश्वर में 30 सड़कें आवागमन के लिए बंद,सड़कों की नालियां व कलमठें मलवें से पटी
किसी भी मोटर मार्ग के किनारे से नालियां नहीं बनी हुई है जिसे पूरा बरसात का पानी सड़क पर आने से सुरक्षा दिवालों में पानी भर जाने से दिवाले टूट रही है , वही कलमठ मलवे से पटे हुए है ऐसे में बरसात का पानी इकठ्ठा होकर तालाब में तब्दील हो जाने से भूस्खलन हो रहा है ।
बरसात से पहिले मोटर मार्गो के मरम्मत के लिए बजट आवंटंन होता है जिसमें मोट मार्ग के किनारे बंद पड़ी नालियों को खोलना, क्षतिग्रस्त नालियों की मरम्मत, मलवें से पटे कलमठों को खेलना व सुरक्षा दिवालों का निमार्ण व मरम्मत का काम किया जाता है लेकिन किसी भी मोटर मार्ग में धरातल में ये कार्य नहीं होते है, केवल अवर अभियंता फर्जी एमबी करके भुगतान लिया जाता है। यह सिस्टम पहिले से ही चला आ रहा है। इसी कारण बरसात में दिवाले टूटना ,भूस्खलन होने से सड़कें बंद होती है।
बागेश्वर । जिले में लगातार बारिश से 30 सड़कें बंद पड़ी हुई है। जिसके कारण सड़कों पर यातायात बंद है। जिसे ग्रामीण लोग सबसे ज्यादा प्रभावित है। जिला प्रशासन ने लोडर मशीन के जरिए सड़कों को खोलने का काम शुरू कर दिया है।
क्षेत्र में लगातर बारिश से मुख्य मार्ग बालीघाट -पन्द्रहपाली हड़बाड़ ,गरुड़-द्यौनाई, पालड़ीछीना-जैनक्रास, कौसानी-बैजनाथ, भीड़ी-सिमलोगी, बागेश्वर-गिरेछीना, कंधार-सिरमोली-लोहागढ़ी, बालीघाट-दोफाड़, डंगोली-गनीगांव, काफलीगैर-खौलसीर,डंगोली-सैलानी, बांस-पटान-रावतेसरा, रावतसेरा-भाटा, कौसानी-भतेड़िया, विजयपुर-कांडे, बागेश्वर-कपकोट-तेजम, कपकोट-कर्मी, खड़लेख-भनार, बघर, रिखाड़ी-बाछम, धरमघर-माजखेत आदि कई मोटर मार्ग बंद हो गए हैं।
आपको बता दें कि बरसात से पहिले मोटर मार्गो के मरम्मत के लिए बजट आवंटंन होता है जिसमें मोट मार्ग के किनारे बंद पड़ी नालियों को खोलना, क्षतिग्रस्त नालियों की मरम्मत, मलवें से पटे कलमठों को खेलना व सुरक्षा दिवालों का निमार्ण व मरम्मत का काम किया जाता है लेकिन किसी भी मोटर मार्ग में धरातल में ये कार्य नहीं होते है, केवल अवर अभियंता फर्जी एमबी करके भुगतान लिया जाता है। यह सिस्टम पहिले से ही चला आ रहा है। इसी कारण बरसात में दिवाले टूटना ,भूस्खलन होने से सड़कें बंद होती है।
गिरेछीना मोटर मार्ग में भारी बारिश के कारण चौहाना गांव के मोड़ पर भूस्खलन हो गया है। जिसके कारण इस मार्ग से हल्द्वानी, अल्मोड़ा, सोमेश्वर आदि स्थानों को जाने वाले वाहन घंटों फंसे रहे। स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क को भूस्खलन से भारी नुकसान पहुंचाने लगा है और नालियों के अभाव में सड़क पर पूरा पानी बहनें से गधेरा बन गई है। अगर नालियां व कलमठ साफ बनें होते तो ऐसी नौबत नहीं आती । आखिर सड़कों के लिए आये धन किसके जेब में गया इसकी जांच ग्रामीणों ने उठाई है।