सीएम धामी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को किया सम्मानित, व 13 बड़ी घोषणाएं की
देहरादून । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर परेड देहरादून के परेड ग्राउंड में राज्य के मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। इसके साथ ही फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। सीएम धामी ने इस मौके पर प्रदेश के लिए 13 बड़ी घोषणाएं भी की।
की ये घोषणाएं
आमजन को वर्षभर भवन निर्माण सामग्री ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से सीधे घर तक पहुंचाने के लिए एक खनिज प्रसंस्करण पोर्टल’ बनाया जाएगा। इससे एक ओर खनिजों की कालाबाजारी रुकेगी तो वहीं लोगों को सस्ते खनिज पदार्थ आसानी से मिल सकेंगे।
दुर्गम इलाकों में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा सुरक्षा योजना प्रारंभ की जाएगी। इसके अंतर्गत विषम परिस्थितियों में गर्भवती महिलाओं को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था के लिए तंत्र विकसित किया जाएगा। इस व्यवस्था को 108 एंबुलेंस सेवा से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है।
राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए उनके विषयों की पुस्तक हिन्दी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों में निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
अग्निवीर योजना के विरोध प्रदर्शन में शामिल उन युवाओं पर लगे मुकदमें वापस लिए जाएंगे जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या स्कूल व कालेजों में पढ़ाई कर रहे हैं।
राज्य के प्रमुख चौराहों और सड़कों का नामकरण राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों, साहित्यकारों और महान विभूतियों के नाम पर किया जाएगा।
राज्य में एकल, निराश्रित, परित्यक्ता एवं विधवा महिलाओं को उनके निवास स्थान पर ही रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित करने एवं उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने हेतु मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना प्रारंभ की जाएगी।
पर्वतीय क्षेत्र के नगरों को विकसित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पर्वतीय नगर विकास योजना के अंतर्गत दोनों मंडलों में एक-एक शहर को मॉडल सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।
मजदूर वर्ग के बच्चों के लिए उचित शिक्षा एवं संतुलित पोषण सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल स्कूल और मोबाइल आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या में वृद्धि की जाएगी।
विकासनगर क्षेत्र में मां यमुना किनारे स्थित प्राचीन नगर हरिपुर को उसके ऐतिहासिक और पौराणिक स्वरूप दिलाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
प्रदेश में जनजातीय संस्कृति के संर्वधन के लिए जल्द ही राष्ट्रीय जनजातीय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
सीमांत गांव के जनजातीय इलाकों में एकलव्य स्कूलों की संख्या में वृद्धि करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा।
एक से अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हुए प्रतियोगिओं के कारण रिक्त हुए पदों पर प्रतीक्षा सूची के आधार पर नियुक्ति प्रदान की जाएगी। यह प्रतीक्षा सूची एक निश्चित समयावधि तक मान्य होगी व प्रभावी रहेगी।
प्रदेश में कुटीर उद्योगों तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए तथा इनके उत्पादों की बिक्री के लिए यूनिटी मॉल की स्थापना की जाएगी।