कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण टिकट नहीं मिलने से नाराज ,कहा निर्दलीय चुनाव लडूंगा

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ढाई लाख स्पये न देने पर टिकट नहीं दिया ,मेरा टिकट कटवाने में ललित फर्स्वाण का हाथ है। मैं भी अब ललित फर्स्वाण का कपकोट विधान सभा से पत्ता साफ करता हूॅं – बालकृष्ण

बागेश्वर । कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है। पिछली बार वह काफी कम मतों के अंतर से हारे थे। जबकि कांग्रेस ने दो-दो बार हारे प्रत्याशियों को फिर से टिकट दिया है। उन्होंने कहा कि वह बागेश्वर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।सोमवार को पार्टी कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफा भी देंगे।

पत्रकार वार्ता में बालकृष्ण ने कहा कि चार-पांच दिन पूर्व उन्हें दिल्ली से फोन आया था। तनिष्क सिंह ने कहा कि वह पार्टी को ढ़ाई लाख रुपये भेज दें। उन्हें बैंक खाता नंबर दिया जाएगा। लेकिन खाता नंबर नहीं आया। उन्होंने कहा कि उनका टिकट काटने में पूर्व विधायक कपकोट ललित फस्वार्ण का हाथ है। उन्होंने पांच वर्ष तक धरातल पर काम किए हैं। पार्टी को मजबूत बनाया है। लोगों की समस्याओं के लिए भूख हड़ताल की।

गरीब, असहाय लोगों की मदद के लिए खड़े रहे। अपना रक्त भी जरूरतमंदों को दिया। अपने बुढ़े माता-पिता की परवाह नहीं की। बच्चों को छोड़ दिया। पार्टी के लिए घरबार छोड़ा। 20 वर्ष से पार्टी में काम कर रहे हैं। सर्वे रिपोर्ट में वह सबसे आगे रहे। पार्टी ने सितारगंज में रहने वाले को टिकट देकर जिले की जनता के साथ अन्याय किया है। बालकृष्ण ने कहा है कि वे जनता के बीच जाकर पूछेंगे कि उनकी क्या गलती थी कि उनको टिकट नहीं दिया गया।

बालकृष्ण वर्ष 2017 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे। तब उन्हें 19225 वोट हासिल हुए थे। भाजपा के चंदन राम दास से वह 14567 वोटों से हार गए थे। इसके बाद बालकृष्ण लगातार मैदान में रहे और कोरोना काल में भी लोगों की मदद करते रहे। उन्हें उम्मीद थी कि इस बार पार्टी उन पर विश्वास जताएगी और इस बार वे चंदनराम दास से 2017 की हार का बदला चुकाएंगे।

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