कोरोना विस्फोट हुआ तो पहाड़ के जिलों में कोई व्यवस्था नहीं
पहिले से बदहाल है पहाड़ का स्वास्थ महकमा
हल्द्वानी । पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है।यह वायरस भारत में बड़े महानगरों के अलावा पड़ोसी प्रदेश में आ जाने से उत्तराखण्ड के लिए चिंता का बिषय बन गया है। यहां तो पहिले से ही स्वास्थ महकमा बीमार पड़ा है अगर कोई लक्षण यहां पाये जाते है तो कोरोना की पुष्टि के लिए जांच की सुविधा अल्मोड़ा समेत पहाड़ के चारों जिलों में नहीं है। सिर्फ वायरस के लक्षणों के आधार पर मरीज की पीसीआर (पालिस चेन रिएक्शन) जांच सुशीला तिवारी अस्पताल भेजी जाती है।
फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ में जिला मुख्यालय के सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा की सीएमओ डॉ. सविता ह्यांकि ने सीएचसी और पीएचसी में भी एक एक बिस्तर वाला आइसोलेशन वार्ड तैयार रखने को कहा है। लेकिन कोरोना संक्रमित व्यक्ति की जांच के लिए पहाड़ के चारों जिलों में मशीन उपलब्ध नहीं होने से दिक्कत बनी हुई है। डॉक्टर भी मरीज में दिखाई दे रहे लक्षणों के आधार पर उसको टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं। जिसकी सुविधा हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में ही है। जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. आरसी पंत ने बताया कि मरीज में प्रारंभिक लक्षणों के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है। कोरोना की पुष्टि सुशीला तिवारी अस्पताल में जांच के बाद ही सामने आ सकती है। कोरोना वायरस के भय से नगर के अस्पतालों में आने वाले मरीज सर्दी, खांसी होने पर टेस्ट भी करा रहे हैं। दो मार्च से पिछले 12 दिनों में 132 लोग वायरल टेस्ट करवा चुके हैं। अस्पताल के पैथोलॉजिस्ट डॉ. अखिलेश के अनुसार वायरल संक्रमण के चलते हर रोज आठ से दस लोग टेस्ट कराने पहुंच रहे हैं लेकिन ऐसे लक्षण नहीं मिले फिर भी पूरा प्रदेश अर्लट है।