सुशीला तिवारी अस्पताल में कोरोना मरीज नहीं जा रहे है , कहा अस्पताल नहीं वहां मरघट है जों गया वह जिन्दा वापस नहीं आया ।

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एसटीएच में कोरोना के 140 बेड खाली, 283 मरीज भर्ती

हल्द्वानी । सुशीला तिवारी अस्पताल कुमॉंऊ का कोविड सेंटर है। वहां पहिले मरीज भर्ती हुए जब वहां से रोज लगातार लाशें निकलनी शुरू हो गई तो मरीजों में दहशत होने लगी जो भर्ती थे वे प्राईवेंट में शिफ्ट हो गये जो मरीज आ रहे है ,वे सुशीला तिवार में भर्ती होना नहीं चाहते है। क्योंकि वहां कोई जिंदा वापस नहीं आ रहे थे जो ठीक होकर आ भी रहे थे उन पर ईश्वर की कृपा रही होगी।

जानकार सूत्रों से मालूम हुआ व तिमारदरों ने आरोप लगाये है कि वहां पर भर्ती हुए मरीजों को न दवाई दी जा रही थी न ही ईजेंक्शन लगाये जा रहे थे वार्ड में सफाई कर्मचारी से लेकर डाक्टर तक देखने नहीं आते थे कभी कभार नर्स आती है वह भी दो चार मरीजों को दवाईयां देकर चली जाती न वहां पर खाना मिल रहा था। तिमारदार जो खाना फल आदि कर्मचारियों के हाथों अपने मरीज के लिए भिजवाते वह उन तक नहीं पहुंच पा रहा है। कई तिमारदारों ने इस बात का खुलासा किया ।

अब आलम यह है कि वहां पर ज्यादातर बैड खली पड़े हुए है। कोरोना मरीजों के कम होने से अस्पताल में 140 बेड खाली हो गए हैं। गौरतलब है कि एसटीएच में कोरोना मरीजों के लिए 425 बेड बनाए गए हैं। वहां पर एमएस डॉ. अरुण जोशी को इस मामले को लेकर तिमारदार गये उन्होनें तिमारदारों कों कोई आश्वासन नहीं दिया । उन्होेंनंे तिमारदारों से कहा कि इतना बड़ा अस्पताल है इसके बारे में मुझो कोई मालूम नहीं है कि क्या हो रहा है। वे अपनी जिम्मेदारी से हट रहे थे ।

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