पिथौरागढ़ में कोरोना योद्वाओं को बिना वेतन दिए विभाग से निकाल दिया

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एक तरफ प्रदेश के सीएम कर रहे है कि युवाओ को हम रोजगार देगें ,जो काग्रेस नहीं दे सकी दूसरी तरफ जो दिन -रात कोरोनाकाल में लोगों की जान बचा रहे थे उन्हें बिना वेतन दिए विभाग से सेवाएं समाप्त कर दी वे अब इधर के न उधर के उनके भविष्य से खिलवाड किया प्रदेश सरकार ने ,इसका खमिजिया अब 2022 में भुगतना पड़ेगा ये सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेगें कि युवाओं के साथ भाजपा हमेशा खिलवाड़ करती आ रही है। भाजपा का काम केवल मुख्यमंत्री बदलना है ।

पिथौरागढ़. । हेल्थ वर्करों ने शायद ही कभी नहीं सोचा होगा कि रातों-रात उनकी नौकरी चली जाएगी. कोरोना संकट के दौरान काम कर कोरोना वॉरियर कहलाने वाले कर्मचारियों की नौकरी प्रदेश की सरकार ने एक झटके में खत्म कर दी. इतना बड़ा धोखा दिया ,जबकि रात-दिन लोगों की जान बचाने में लगे हुए थे उसका प्रतिफल इनाम प्रदेश के सीएम ने नौकरी से निकालने का तोफा दिया है। चुनाव में जबकि कुछ ही महीने बाकी हैं, तब भाजपा के लिए अशुभ संकेत है।

विपक्ष के हाथ बड़ा मुद्दा दे दिया है. साल में सैकड़ों लोगों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाने पर सियासत भी तेज़ हो चुकी है जबकि सरकार को भरोसा है कि जल्द ही सभी को बहाल कर इस मुद्दे को संभाल लिया जाएगा.

असल में कोरोना की सेकेंड वेव में हेल्थ डिपार्टमेंट ने 284 लोगों को कॉंट्रेक्ट के तहत रखा था, जिनमें डॉक्टर, फार्मासिस्ट, नर्स और वॉर्ड बॉय शामिल हैं. लगातार 4 महीने तक काम करने पर भी इन्हें सैलरी तो नही मिली, लेकिन नौकरी से छुट्टी ज़रूर हो गई. ऐसे में सैकड़ों की संख्या में बेरोज़गार हुए युवाओं ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है. जॉब से हटाईं गईं रेनू सामंत कहती हैं कि विभाग ने उनके साथ ‘मजाक किया. 4 महीनों तक मानदेय भी नहीं दिया गया.
सिर्फ पिथौरागढ़ में ही हटाए गए हेल्थ वर्कर
सूबे के अन्य ज़िलों में हेल्थ वर्कर पहले की तरह काम कर रहे हैं लेकिन पिथौरागढ़ के हेल्थ वर्करों के साथ ही यह ज़्यादती की गई. कोराना संकट के बीच जिनकी सेवाएं ली गईं, उन कर्मियों को सीएम केयर फंड से सैलरी मिलनी थी, लेकिन यहां न तो 4 महीने की सैलरी मिल पाई और न ही नौकरी बची. वहीं, सरकार की मानें तो हटाए गए सभी हेल्थ वर्करों की बहाली के लिए युद्धस्तर पर कोशिशें जारी हैं. उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल का कहना है कि हटाए गए हेल्थ वर्करों को बहाल करने का रास्ता तलाशा जा रहा है.

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