भ्रष्टाचार की पोल खुली ,जल जीवन मिशन 150 करोड़ का बजट का गड़बड़झाला

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देहरादून ।जल जीवन मिशन के तहत 456 पेयजल योजनाओं पर रोक लगा दी गई है। इंजीनियरों ने इन योजनाओं के जरिए 150 करोड़ का बजट ठिकाने लगाने की तैयारी कर ली थी। सोशल ऑडिट में गड़बड़ियां पता चलने पर सरकार ने इन योजनाओं को ड्रॉप करने का फैसला ले लिया।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्य को हर घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य दिया। पहले चरण में लाखों की संख्या में लोगों के घरों में सूखे नल लगा दिए गए थे। इन नलों तक पानी पहुंचाने को न पाइप लाइन बिछाई गईं और न ही योजनाओं का कहीं अता पता रहा। पर ‘हिन्दुस्तान’ ने अगस्त 2021 में सिलसिलेवार तरीके से कई सीरीज में जल जीवन मिशन की खामियों को उजागर किया। गढ़वाल समेत कुमाऊं के कई गांवों की मौके पर पड़ताल की गई। ‘हिन्दुस्तान’ की पड़ताल में जल जीवन मिशन की पोल खुलने के बाद सचिव पेयजल नितेश झा ने सभी प्रस्तावित योजनाओं समेत गांवों का सोशल ऑडिट कराया। इसकी रिपोर्ट में सामने आया है कि 456 पेयजल योजनाएं गैर जरूरी।

बजट खपाने की थी योजना

सिर्फ बजट खपाने के मकसद से इन योजनाओं के इस्टीमेट तैयार किए गए। इन 456 योजनाओं पर कुल 157 करोड़ का बजट खर्च होना था, जो अब सोशल ऑडिट की रिपोर्ट आने के बाद खर्च नहीं होगा। सचिव पेयजल ने इन सभी योजनाओं को ड्राप करने के निर्देश दे दिए हैं।

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