75वां गणतंत्र दिवस मना रहा देश, क्या आप जानते हैं इस दिन को ही क्यों चुना गया?

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हहल्द्वानी ।26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस के रूप में क्यों चुना गया? क्यों दो महीने देरी के बाद भारतीय संविधान लागू किया गया? इस दिन झंड़ा कौन और कहां फहराता है? झांकियों के अलावा इस दिन और क्या-क्या होता है

भारत के 75वें गणतंत्र दिवस की तैयारी जोर शोर से चल रही है. यह देश के सबसे महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोह में से एक है. इस समय नागरिकों में उत्साह, जोश, देशभक्ति की भावना प्रबल होती है. बड़ी संख्या में लोग परेड देखने के लिए राजपथ पर पहुंचते हैं. परेड की शुरुआत रायसीना हिल्स से होती है और वह राजपथ, इंडिया गेट से गुजरती हुई लालकिला तक जाती है. देश भर में गणतंत्र दिवस को उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन के इतिहास और जरूरी बातों से कई नागरिक अनजान

आखिर 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस के रूप में क्यों चुना गया? क्यों दो महीने देरी के बाद भारतीय संविधान लागू किया गया? गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज कौन और कहां फहराता है? झंडा फहराने का तरीका 15 अगस्त के ध्वजारोहण से कितना अलग होता है? आइए आज जानते हैं इन सब सवालों के जवाब.

26 जनवरी तारीख क्यों चुनी गई?

15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा मिल गया था. हालांकि, लगभग तीन साल बाद 26 जनवरी, 1950 को संविधान को अपनाने के साथ भारत ने खुद को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राज्य घोषित किया. इसी दिन को तब से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. 26 जनवरी की तारीख को चुनने के पीछे एक किस्सा बताया जाता है. ।

महीने देरी से क्यों लागू हुआ संविधान?

देश का संविधान बनाने के लिए संविधान सभा का गठन हुआ था. इसमें कुल 22 समितियां थी. इनमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टिंग कमेटी) सबसे प्रमुख समिति थी, जिसका काम संपूर्ण संविधान का निर्माण करना था. प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आंबेडकर थे. दो साल, 11 महीने और 18 दिन की मेहनत के बाद दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान तैयार किया गया. डॉ. आंबेडकर ने संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सौंप दिया. लेकिन इसे लागू करने के लिए दो महीने की देरी की गई. तर्क दिया जाता है कि 26 जनवरी के ‘पूर्ण स्वराज’ के ऐलान के महत्व को कायम रखने के लिए संविधान को दो महीने बाद लागू किया गया. इस तरह 26 नवंबर 1949 की जगह 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया. नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए 2015 से सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने का फैसला किया है.

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