बाहरी प्रदेश के लोगों का सत्यापन न होने से हल्द्वानी में क्राइम बढ़ा
नैनीताल /हल्द्वानी । सरकार, पुलिस और स्थानीय प्रशासन समय-समय पर बाहरी लोगों के सत्यापन के लिए न सिर्फ अभियान चलाता है, बल्कि लोगों को जागरूक भी करते हैं कि वह बगैर सत्यापन किसी को अपने यहां न रखें। इसके ठीक उलट नैनीताल के कुछ क्षेत्रों में काफी समय से कई लोग बगैर सत्यापन धड़ल्ले से रहते हुए अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। यही नहीं यूपी के विभिन्न शहरों से नैनीताल आने वाले ऐसे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नतीजा यह है कि नैनीताल में शहर के इर्द गिर्द सरकारी जमीनों पर कब्जा कर अवैध बस्तियां भी बस रही हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है।
बता दें कि शहर में बारापत्थर क्षेत्र, सात नंबर, बूचड़खाना क्षेत्र समेत कई अन्य स्थानों पर पिछले वर्षों के दौरान झोपड़ पट्टियों के अलावा अवैध टिन शेडों की संख्या में तेजी इजाफा हुआ है। सूत्रों की मानें तो इन स्थानों पर टिन शेड बनाकर रह रहे अधिकतर लोगों ने सरकारी जमीनों पर कब्जा कर गुपचुप रूप से टिन शेड लगाए हैं। इन क्षेत्रों में रह रहे लोग घुड़सवारी, नौकायन व गाइडिंग के साथ साथ पर्यटन गतिविधियों से जुड़े हुए हैं।
हालात को भांपते हुए दो दिन पहले ही भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष नितिन कार्की ने डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा। उन्होंने कहा कि यूपी के रामपुर, दड़ियाल, मुरादाबाद आदि शहरों से नैनीताल आने वाले लोग यहां बगैर लाइसेंस के टूरिस्ट गाइड व अन्य गतिविधियों में लिप्त रहकर सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। इससे आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
बगैर किसी जांच पड़ताल के नैनीताल में रह रहे बाहरी लोगों को नैनीताल के लिए खतरा बताया है। उन्होंने जिला प्रशासन से यूपी के अलग अलग शहरों से आकर नैनीताल में बस चुके लोगों का शत प्रतिशत पुलिस सत्यापन कराने और सरकारी जमीनों पर हुए कब्जों को मुक्त कराने की मांग की है।
भाजपा का शिष्टमंडल दून में आईजी से मिलानगर पालिका के नामित सभासद और भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष मनोज जोशी के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से देहरादून में भेंट कर नैनीताल में तेजी से बढ़ रहे बाहरी लोगों के दखल पर रोक लगाने की मांग की है।आईजी को दिए ज्ञापन में कहा कि पिछले कुछ वर्षों से नैनीताल में बाहरी लोगों का दखल बढ़ा है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या के साथ ही शहर के गली मोहल्लों में नए नए होटल स्थापित हो गए हैं, जिसमें से अधिकतर होटल एसोसिएशन में पंजीकृत तक नहीं हैं। अपंजीकृत होटलों में आपराधिक घटनाएं घट रही हैं।