सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने अपनी नौ सूत्री मांगों के लिए चार अक्टूबर से पूर्ण कार्य बहिष्कार का ऐलान ,विभाग के गलत नीतियों से तंग आ चुके है चिकित्सक
यह सत्य है कि चिकित्सका भगवान से दूसरा रूप होता है वे भी विभाग की गलत नीतियों से वे भी अब तंग आ चुके है।
नैनीताल । सुगम दुर्गम तैनाती मानकों को पुनर्निर्धारित किए जाने, दुर्गम क्षेत्रों में तैनाती पर 50 प्रतिशत दुर्गम भत्ता देने समेत तमाम मांगों को लेकर चिकित्सकों ने मोर्चा खोल दिया है। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखंड के बैनर तले चिकित्सकों ने चार अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर जाने का निर्णय लिया है। बीडी पांडे अस्पताल में चिकित्सकों ने बैठक कर कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है।
शनिवार को प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखंड के बैनर तले बीडी पांडे अस्पताल के चिकित्सकों ने बैठक की। चिकित्सकों ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में डीपीसी व्यवस्था लागू करने, पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों को 50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि देने, सुगम व दुर्गम जिलों का पुनर्निर्धारण करने, मासिक वाहन भत्ता देने, दंत चिकित्सकों का रिक्त पदों के सापेक्ष समायोजन करने समेत अन्य मांगे की जा रही है। बताया कि मांगों को लेकर तीन अक्तूबर को सभी चिकित्सक बाह में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करेंगे। अगर सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो चार अक्तूबर से कार्य बहिष्कार शुरू करते हुए विधानसभा के सामने धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा।
इस दौरान प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ नैनीताल के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र रावत ने बताया कि मांगे पूरी नहीं होने पर पूरे प्रदेश में ओपीडी बंद रहेगी। लेकिन आपातकालीन सेवाएं खुली रहेंगे। इस दौरान बैठक में डॉ. एमएस दुग्ताल, डॉ. द्रौपदी गर्ब्याल, डॉ. सुधांशु सिंह, डॉ. वीके मिश्रा, डॉ. हर्षवर्धन, डॉ. मोनिका काण्डपाल, डॉ. प्रियांशु श्रीवास्तव, डॉ. तनुजा पाल, डॉ. कोमल, डॉ. ममता पांगती, डॉ. दीपिका लोहनी, डॉ. प्रेमा व डॉ. आरुषि गुप्ता मौजूद थे।