डबल इंजन की पहल ,सवा लाख की आबादी के लिए मात्र चार चिकित्सक

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जिले की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर महिलाओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। नाराज उड़ई की महिलाओं ने व्यवस्थाओं में सुधार की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।आक्रोशित उड़ई गांव की महिलाओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल होती जा रही हैं। बावजूद इसके व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है। कहा संशोधन और चिकित्सकों के अभाव में लोग हल्द्वानी सहित कई अन्य जगहों पर जाकर उपचार कराने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा जिला महिला अस्पताल में ढाई माह में प्रसव को आई चार महिलाओं की मौत हो चुकी है। महिलाओं के समय से अल्ट्रासाउंड नहीं होने के कारण गर्भ में ही कई शिशुओं की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके व्यवस्थाओं में कोई भी सुधार नहीं हो पाया है। पूर्व जिपं सदस्य जगदीश कुमार ने कहा कि जब तक व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया जाता वो चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने शीघ्र व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

पिथौरागढ़ ।(नन्दा टाइम्स ब्यूरो) सीमांत जिले में तो चिकित्सा सेवा बस नाम भर की रह चुकी है। जिला मुख्यालय में स्थित जिला अस्पतालों को छोड़कर सीएचसी से लेकर पीएचसी में चिकित्सकों का टोटा बना है। हाल यह है कि सृजित पदों के सापेक्ष तैनात चिकित्सकों की संख्या काफी कम है। कोई सीएचसी दो चिकित्सकों तो कोई चार चिकित्सकों के सहारे चल रही है। सीएचसी में कहीं भी विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। ऐसा ही चिकित्सालय गंगोलीहाट का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। बाहर बोर्ड तो सीएचसी का है परंतु अंदर व्यवस्था नाममात्र भर की नहीं है। गंगोलीहाट की सवा लाख की आबादी के लिए मात्र चार चिकित्सक भर ही तैनात हैं।भाजपा की डबल ईंजन की सरकार तीन साल में प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ सेवाएं देने में नाकाम रही केवल झूठे वादे देकर प्रदेश की जनता को गुमराह करती रही । पर्वर्तीय जिलों में प्राथमिक ,सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र चिकित्सकविहीन है सक्षम लोग मैदानी जिलो या फिर दूसरे प्रदेश में अपना ईलाज कराने के लिए मजबूर है।
जिले के सर्वाधिक आबादी वाले गंगोलीहाट तहसील के लिए एक दशक पूर्व सीएचसी खोला गया। परंतु आज तक इस सीएचसी में मानकों के हिसाब से पर्याप्त चकित्सक तैनात नहीं हुए हैं। जिसके चलते तहसील क्षेत्र के रोगियों को आज भी 80 किमी दूर पिथौरागढ़ या फिर 220 किमी दूर हल्द्वानी पर निर्भर रहना पड़ता है। सीएचसी में स्वीकृत चिकित्सकों
गंगोलीहाट ! सीएचसी में दस वर्ष पूर्व अल्ट्रासाउंड मशीन आ गई थी । रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं होने से अभी तक मशीन स्टोर से बाहर नहीं आई है। रोगियों को अल्ट्रासाउंड के लिए 80 किमी दूर पिथौरागढ़ जाना पड़ता है। इसी तरह पैथालॉजी जांच भी तकनीशियन नहीं होने से बाहर से करानी पड़ती हैं। इस बीच जिले के सभी अस्पतालों रखी गइपलायन का प्रमुख करण मूलभूत सुविधाएं न होने का भी है ।अल्ट्रासाउंड मशीन प्रशासन से सीज कर दी थी। जिसमें गंगोलीहाट की अल्ट्रासाउंड मशीन भी शामिल है।सीएचसी में प्रतिदिन 150 से 200 के मध्य ओपीडी के मरीज आते हैं। वार्डाे में भी 8 से 10 रोगी भर्ती रहते हैं। अस्पताल में चिकित्सक कम होने से उन्हें भी पूरे 24 घंटे कार्य करना पड़ता है। जिसके चलते चिकित्सकों को मानसिक तनाव भी झेलना पड़ता है।शुरू से ही भाजपा कांग्रेस पलायन के नाम पर सियासत करती आ रही है

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