कर्फ्यू के दौरान शहरों में पसरा सन्नाटा,अनावश्यक घुमने वालों पर सख्ती

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हल्द्वानी । लगातार बढ़ते कोरोना केसों को रोकने और संक्रमण की दर को कंट्रोल करने के लिए लागू कर्फ्यू का असर दिखाई दिया। शहर में लोग अपने-अपने घरों में ही रहे। सड़कों पर अनावश्यक घुमने वालों के खिलाफ पुलिस से सख्ती दिखाई कुछ लोगों के चालान भी काटे।
यहां सुबह 9 बजें के बाद सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा। दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा था। कर्फ्यू का सख्ती से पालन करवाने के लिए प्रशासन की ओर से चौराहों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। किसी को भी अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलने दिया गया। मेडिकल और अस्पतालों को छोड़कर पूरी तरह शहर बंद रहा। हालांकि गली-मोहल्लों में लोग घरों के बाहर सुबह के वक्त दूध और डेयरी की दुकानों पर लोगों की भीड़ दिखाई दी लेकिन नौ बजते-बजते बाजारों में सन्नाटा पसर गया। कर्फ्यू के बीच रोडवेज और रेलवे स्टेशन जाने के लिए लोगों को ई-रिक्शा और टेंपो नहीं मिले। रोडवेज की बसें सचारियां न होने से स्टेशन पर ही खड़ी रही जिसे भारी राजस्व का नुकसान हुआ है। हल्द्वानी से नैनीताल संचालित बसों में 3 से 4 सवारियां थी। कई बसों में तो पूरे रास्ते यानी हल्द्वानी से नैनीताल की सवारी तक नहीं मिली। रास्ते की सवारियों को बैठकर कुछ बसें 100 रुपये से कम की सवारी लेकर नैनीताल पहुंची। सुबह 11 बजे तक संचालित 6 बसों में 4 से 5 सवारी यानी लगभग 400 रुपये में गंतव्य तक गयी। अस्पताल और मेडिकल स्टोर खुले रहने से बीमारों को राहत मिली। बारात के बाहन जा रहे हैं। प्रशासन वाहनों के परमिटों की जांच कर रहे थे।
जिला मुख्यालय पहुंचे यात्रियों को गांव तक जाने के लिए वाहन तक नहीं मिले। पिथौरागढ़ जिले में कर्फ्यू का असर कम रहा। बाजार तो बंद रहे। लेकिन लोगों की आवाजाही होती रही। मंदिरों में भी लोगों की भीड़ जुटी रही लेकिन अन्य दिनों की अपेक्षा सीमित संख्या में भक्त पहुंचे।
बता दें कि उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण काबू में न आने पर सरकार ने अब राज्यभर में नाइट कर्फ्यू रात नौ बजे से जबकि प्रत्येक रविवार को साप्ताहिक कोविड कर्फ्यू लागू कर दिया है।
नगर के विभिन्न क्षेत्रों को सेनेटाइजेसन किया गया।

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