उत्‍तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर ईडी का शिकंजा, सामने आई पहली प्र‍तिक्रिया

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देहरादून। देहरादून के सहसपुर स्थित शंकरपुर में करोड़ों रुपये के जमीन फर्जीवाड़े में ईडी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत, पत्नी दीप्ति रावत, रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा समेत पांच के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की है। अब इस पर हरक सिंह रावत की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।

यह है मामला

बता दें कि हरक सिंह रावत के विरुद्ध ईडी ने सहसपुर थाने में दर्ज जमीन फर्जीवाड़े से जुड़े मुकदमे के आधार पर जांच शुरू की थी। इसमें पता चला कि हरक सिंह रावत ने अपनी पत्नी दीप्ति रावत, अपनी करीबी लक्ष्मी सिंह राणा, बीरेंद्र सिंह कंडारी, सुशीला रानी (अब दिवंगत) और अन्य व्यक्तियों के साथ मिलीभगत करके करोड़ों रुपये की जमीन कौड़ियों के भाव खरीदकर अपने नाम दर्ज करा ली।

आरोप है कि सुशीला रानी ने साजिशन जमीनों की पावर आफ अटार्नी हरक के करीबी बीरेंद्र सिंह कंडारी के नाम की। इसी पावर आफ अटार्नी के जरिये कंडारी ने दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह राणा को जमीन सर्किल रेट से कम दर पर बेच दी। दीप्ति ने जो जमीन खरीदी थी, वहां अब दून इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंस (जो पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित होता है) का हिस्सा हैं, जिसे हरक सिंह रावत का परिवार व मित्र संचालित कर रहे हैं।

जनवरी 2025 में ईडी ने लगभग 101 बीघा भूमि, जिसकी कीमत लगभग 6.56 करोड़ रुपये (वर्तमान बाजार मूल्य 70 करोड़ रुपये से अधिक) है, को अस्थायी रूप से अटैच करने का आदेश जारी किया था। ईडी की ओर से आरोपितों से कई दौर की पूछताछ के बाद पांचों आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी गई। 

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