आउटसोर्स व्यवस्था बंद करके कर्मचारियों को समायोजित किए जाए

ख़बर शेयर करें

लखनऊ ।संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर आउटसोर्सिंग व्यवस्था को समाप्त करने और कर्मचारियों को 2001 से पहले की नियमावली के तहत समायोजित करने की मांग की है। आउटसोर्सिंग की व्यवस्था को बंद करने और कर्मचारियों को समायोजित किए जाने की मांग उठी है। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ उप्र. की ओर से प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र भेजा गया है। पत्र के माध्यम से सरकारी अस्पतालों, चिकित्सा संस्थानों व दूसरे विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को वर्ष 2001 से पहले की तरह चल रही नियमावली के तहत समायोजित किए जाने की मांग की गई है। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ उप्र. के प्रदेश के महामंत्री सच्चितानंद मिश्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री को पांच सूत्री मांग पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि सेवा प्रदाता कंपनी के जिए विभिन्न पदों पर लाखों कर्मचारी 10 से 15 साल से अपनी सेवाएं सुचारू रूप से दे रहे हैं। आउटसोर्स व्यवस्था के तहत कार्यरत योग्य व अनुभवी युवाओं का समय और भविष्य खराब हो रहा है। ज्यादातर की उम्र भी 40 साल के पार हो चुकी है। ऐसे में उन्हें किसी दूसरे सरकारी या अर्द्धसरकारी विभाग में बेहतर नौकरी मिलना मुश्किल है। आउटसोर्सिंग व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को केंद्र सरकार के न्यूनतम वेतन से भी कम वेतन दिया जा रहा है। किसी पद के अनुसार कोई वेतनमान निर्धारित नहीं है।

You cannot copy content of this page