चाणक्य नीति पर्याप्त होने पर भी व्यक्ति का इन 3 चीजों से नहीं भरता है मन

ख़बर शेयर करें

आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। सैकड़ों वर्षों के बाद भी वर्तमान में भी वो एकदन सटीक साबित होती हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों से एक साधारण बालक चंद्रगुप्त को मौर्य वंश का सम्राट बना दिया था। आचार्य के ग्रंथ नीति शास्त्र में जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं का जिक्र मिलता है।
चाणक्य की नीतियों से जीवन को सुखी बनाने के साथ ही उसमें आने वाले उतार-चढ़ाव को भी आसानी से पार कर सकते हैं। आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए ऐसी तीन चीजों का जिक्र किया है, जिनके पर्याप्त होने पर इंसान को संतोष करना चाहिए। लेकिन व्यक्ति का मन उनसे नहीं भरता है। जानिए व्यक्ति को किन चीजों और ज्यादा पाने की रहती है लालसा-
चाणक्य नीतिरू पर्याप्त होने पर भी व्यक्ति का इन 3 चीजों से नहीं भरता है मन, पढ़ें क्या कहती है आज की चाणक्य नीति
चाणक्य नीतिरूपर्याप्त होने पर भी व्यक्ति का इन चीजों से नहीं भरता है मन

  1. धन– आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति के पास धन कितना भी क्यों न हो, लेकिन उसका मन नहीं भरता है। वह हमेशा धन को ज्यादा से ज्यादा पाने की लालसा रखता है। कई बार व्यक्ति का पैसों को लेकर लालच उसे गलत रास्ते पर लेकर जाता है और दलदल में धकेल देता है। इसलिए व्यक्ति को धन के मामले में संतोष करना चाहिए।
  2. जीवन– हर किसी को पता है कि जो आया है वो एक दिन जाएगा भी। इसके बाद भी कई लोगों की जीने की चाह खत्म नहीं होती है। इंसान मोह और माया के बीच इतना ज्यादा फंस जाता है कि उसका शरीर साथ न भी दे, तो भी वह जीने की इच्छा रखता है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को हमेशा ऐसा आचरण करना चाहिए कि जीवन भले ही छोटा हो लेकिन लोग उसके किरदार को हमेशा याद रखें और उसका अनुसरण करें।
  3. भोजन– चाणक्य कहते हैं कि स्वस्थ शरीर के लिए व्यक्ति को हमेशा संतुलित भोजन करना चाहिए। इसे जितनी आवश्यकता हो उतना ही ग्रहण करना चाहिए। लेकिन कुछ लोग स्वाद के चक्कर में फंस जाते हैं। कई पकवान खाने के बाद भी उनका मन नहीं भरता है।

You cannot copy content of this page