पूर्व सैनिक को घर के बाहर गोली मार दी
जिले में अपराध का ग्राफ दिन -प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है ,खुलेआम दिन-दहाड़े अपराधी फायर झौंक दे रहे है। पुलिस बदमाशों से भयभीत हो रही है ऐसे में क्या आम जनता सुरक्षित रह पायेगी ? यह एक बड़ा सवाल है।
हल्द्वानी। बरेली रोड पर गोरापड़ाव में बदमाशों ने बृहस्पतिवार की रात पूर्व सैनिक कौस्तुभानंद शर्मा को घर के अंदर से बुलाकर गोली मार दी। एक गोली उनके पैर में लग गई और दूसरी गोली सिर के ऊपर से निकल गई। घटना का कारण लेनदेन का विवाद बताया जा रहा है।
जिले में अपराध का ग्राफ दिन -प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है ,खुलेआम दिन-दहाड़े अपराधी फायर झौंक दे रहे है। पुलिस बदमाशों से भयभीत हो रही है ऐसे में क्या आम जनता सुरक्षित रह पायेगी ? यह एक बड़ा सवाल है। की बदमाशों को पुलिस का जरा भी भय नहीं है। वे हर रोज अपराध कर पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। एक के बाद एक हो रही वारदातों से पुलिस की सक्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड हवलदार कौस्तुभानंद शर्मा (58) बृहस्पतिवार की रात नौ बजे खाना खाकर अपने कमरे में टीवी देख रहे थे। इसी समय बदमाशों ने उनके घर की बेल बजाई। घंटी की आवाज सुनकर कुत्ता भौंकने लगा। कौस्तुभानंद शर्मा भी लाइट जलाकर देखने के लिए गेट खोलने लगे। कौस्तुभानंद शर्मा के अनुसार गेट खोलते ही एक व्यक्ति ने असलहा निकालकर कहा, ले हो गया तेरा काम और गोलियां चला दीं। एक गोली दाहिने पैर मेें लगते ही कौस्तुभानंद बैठ गया। शूटर ने दूसरी गोली चलाई लेकिन वह सिर के ऊपर से निकल गई। हमलावर मौके से भाग निकला। घर में सिर्फ उनकी पत्नी मौजूद थी। परिवार के लोग घायल कौस्तुभानंद को बेस अस्पताल ले गए। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट और भाजपा नेता दिनेश खुल्बे भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि कौस्तुभानंद भाजपा के कार्यकर्ता हैं। बाद में उन्हें निजी चिकित्सालय में भर्ती किया गया। एसपी सिटी डॉ. जगदीश चंद्र और सीओ शांतनु पाराशर ने मुआयना किया। काफी छानबीन के बाद भी हमलावरों का पता नहीं चल सका।
कौस्तुभानंद शर्मा ने बताया कि गोली चलाने वाला शूटर करीब 25 साल का था। उन्होंने बताया कि उनका बेटा ललित मोहन शर्मा रुद्रपुर के एक ट्रांसपोर्टर के साथ व्यवसाय करता था। लॉकडाउन के चलते काफी घाटा हो गया। इसके बाद उनके बेटे ने ट्रांसपोर्टर को 53 लाख रुपये दिए थे। आरोप है कि इसके धमकी दी गई तो उन्होंने खेत बेचकर 20 लाख रुपये और दिए। आरोप है कि इसके बावजूद ट्रांसपोर्टर लाखों रुपये ब्याज के तौर पर मांग रहा था। कौस्तुभानंद ने पुलिस को बताया कि एक दिन पहले भी ट्रांसपोर्टर ने उसे देख लेने की धमकी दी थी। दो साल से वह परिवार के पीछे पड़ा है।