सरकारी स्सते गल्ले की दुकानों में बेच रहे एक्सपायरी डेट की दाल

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देहरादून । खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से सस्ते गल्ले की सरकारी दुकानों पर एक्सपायरी डेट की दाल बेची जा रही है। हालत यह है कि डिपुओं को सप्लाई की गई दाल में से बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने दाल खरीदी भी है। जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सपायरी डेट की दाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
मुख्यमंत्री दाल योजना के तहत विभाग की ओर से पिछले साल प्रत्येक राशन कार्ड पर दो-दो किलो दाल एक किलो साबुत उड़द 71 रुपये तथा एक किलो साबूत मसूर दाल 62 रुपये किलो के हिसाब से राशन उपभोक्ताओं को दी गई। कई उपभोक्ताओं ने इस दाल को खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद से ये दाल डीलरों के यहां खराब हो रही है। इस बीच विभाग की ओर से फिर से कुछ डीलरों को दाल आवंटन की सूची जारी कर दी गई।
राशन डीलरों ने विभाग के अधिकारियों को बताया कि दाल खरीदने में उपभोक्ता ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। पहले की पड़ी दाल अभी भी दुकानों में खराब हो रही है। इसलिए दाल ना दी जाए। इसके बावजूद 70 कुंतल से ज्यादा दाल विभाग ने डीलरों को बेचने के लिए दे दी। राशन डीलर इस दाल को बेच भी रहे हैं। मंगलवार को एक डीलर के यहां दाल खरीदने आये उपभोक्ता की नजर दाल के पैकेट पर पड़ी। इसपर लिखा था कि दाल के पैकेट की पैकिंग नवंबर 2020 में की गई है। चार माह से पहले इसे इस्तेमाल करना है, वरना ये एक्सपायरी हो जाएगी। यानी इस दाल की एक्सपायरी डेट मार्च में पूरी हो गई है। बावजूद इसकी लगातार बिक्री की जा रही है।

गोदाम में अभी भी 45 कुंतल दाल
ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सरकारी राशन गोदाम में एक्सपायरी डेट की दाल करीब 45 कुंतल से ज्यादा अभी भी रखी हुई है। इसका वितरण लगातार किया जा रहा है। गोदाम प्रभारी वरिष्ठ विपणन अधिकारी हरेंद्र रावत ने कहा कि कई ऐसे राशन डीलर हैं जिन्होंने अपने कोटे से कम दाल का उठान किया है। ऐसे डीलरों को ये दाल दी जा रही है। गोदाम प्रभारी ने कहा कि उन्होंने दाल एक्सपायर होने की सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी है। बावजूद दाल नहीं बांटने से संबंधित अभीतक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इसके चलते दाल की बिक्री जारी है।एक तो लोग कोरोना से मर रहे हैं दूसरी तरह सरकार लोगों को मारने पर तुल गई है। एक्सपायरी डेट की दालें जबरदस्ती डीलरों को उठाकर बेचने का दबाव बनाया जा रहा है। ये सरासर गलत है। जितेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष उत्तराखंड सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद

यदि किसी खाद्य पदार्थ के पैकेट पर एक्सपायरी डेट लिखी है और वह डेट निकल चुकी है, तो संभवतरू उसमें जो पदार्थ पैक है, उसकी गुणवत्ता कम हो सकती है। उसकी इफेक्टिविटी कम हो जाती है। दाल के संदर्भ में यदि कहें तो उसमें घुन या कीड़े हो सकते हैं और फंगस लग सकती है। उसका स्वाद भी बदल सकता है। उसमें रहने वाले प्रोटीन एवं मिनरल और विटामिन की मात्रा कम हो जाएंगे। इसे खाने से सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। एक्सपायरी डेट के जितने महीने बढ़ते जाएंगे, उतना नुकसान बढ़ता जाएगा। इसे खाने पेट संबंधी बीमारियां एवं फूड प्वाइजनिंग जैसी समस्या हो सकती है।
डा. केपी जोशी, वरिष्ठ फिजीशियन, निदेशक चारधाम

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