एसटीएफ को मिली बड़ी कामयाबी ,देहरादून में पकड़ा फर्जी अंतर्राष्ट्रीय कॉल सेंटर

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देहरादून । एसटीएफ ने पटेलनगर थाना क्षेत्र में एक फर्जी कॉल सेंटर को पकड़ा है। दो शातिर ठगों को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों ठग अमेरिका के लोगों के कंप्यूटर पर गड़बड़ी का एक मैसेज भेजते थे, जिसे ठीक करने के एवज में उनसे धन ठगते थे। उनकी एक सहयोगी अमेरिका में भी रह रही थी। एसटीएफ ने दून में छह माह के भीतर इस तरह का तीसरा कॉल सेंटर पकड़ा है।

डीआईजी एसटीएफ डॉ. निलेश आनंद भरणे ने बताया कि पिछले दिनों पटेलनगर क्षेत्र में एक फर्जी कॉल सेंटर की जानकारी मिली थी। इस सूचना पर डीएसपी एसटीएफ की अगुवाई में गुरु रामराय पीजी कॉलेज के पास एक फ्लैट में छापा मारा गया। इसमें दो युवक मौजूद थे। इन युवकों से पूछताछ की गई तो पता चला कि ये डेस्कटॉप और लैपटॉप से अमेरिका के लोगों के सिस्टम में खराबी का मैसेज भेजते थे। इसके बाद इसे ठीक करने को कहा जाता तो फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर उनसे धन वसूलते थे। इस काम के लिए उन्होंने दो टॉल फ्री नंबर भी खरीदे थे। जैसे ही कोई इन नंबरों पर फोन करता था तो उस व्यक्ति से रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर इंस्टाल कराया जाता था।गड़बड़ी ठीक करने की एवज में उनसे 100 डॉलर से 900 डॉलर तक वसूल किए जाते थे।

पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम वैभव गुप्ता निवासी व्किंस अपार्टमेंट आईएसबीटी के पास और सूद खान निवासी मूलचंद एन्क्लेव पटेलनगर बताया। दोनों आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय के आदेश पर दोनों को जेल भेज दिया गया।
ठगों का ही मिलता था टॉल फ्री नंबर
ठगों ने यह टॉल फ्री नंबर अमेरिका की द रियल पीबीएक्स कंपनी से 100 डॉलर में खरीदे थे। यह नंबर उन्होंने गूगल पर इस तरह से फीड किए हुए थे कि यदि कोई भी सॉफ्टवेयर ठीक कराने के लिए गूगल पर सर्च करेगा तो उसे यही नंबर मिलते थे। ऐसे में लोग आसानी से लोग इन पर विश्वास कर लेते थे। कुछ लोग इन्हें चेक से भी भुगतान करते थे। यह भुगतान को वह अमेरिका में ही अपनी एक साथी के सहयोग से भारतीय खातों में कमीशन काटकर हासिल करते थे। यह चेक रॉयल क्रेडिट यूनियन एंड क्यूबिकल टेक्निकल सर्विसेस के माध्यम से कैश कराए जाते थे।

एसटीएफ के मुताबिक इस कार्रवाई के बाद इनके खातों के विवरण भी जांचे गए हैं। इनमें देहरादून स्थित बैंक शाखाओं के इनके खातों में एक करोड़ 10 लाख रुपये जमा हैं। इन पर कार्रवाई के लिए ईडी को लिखा जा रहा है। इन्होंने हाल ही में 60 लाख रुपये का एक फ्लैट और 16 लाख रुपये की एक गाड़ी खरीदी है।

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