काशीपुर में बेच रहे थे टाटा का नकली नमक, चार पर रिपोर्ट
काशीपुर। टाटा कंपनी का नकली नमक बेच रहे चार दुकानदारों को कंपनी की इंवेस्टिगेटिंग टीम ने पकड़ लिया। आरोपियों के पास से 107 पैकेट नकली टाटा नमक बरामद हुआ है। चारों के खिलाफ कुंडा थाने में कॉपीराइट एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस क्षेत्र में नकली नमक सप्लाई करने वाले गिरोह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
बीते दिनों टाटा कंपनी के अधिकारियों को शिकायत मिली थी कि कोई गिरोह टाटा का नकली नमक बनाकर बेच रहा है। काशीपुर के कुंडा क्षेत्र में इस नमक की खपत हो रही है। इसके बाद शनिवार शाम टाटा कंपनी की इंवेस्टिगेशन टीम काशीपुर पहुंची। टीम ने प्रकरण एसपी प्रमोद कुमार के संज्ञान में डाला और कुंडा थाना पुलिस को साथ लेकर क्षेत्र में छापामारी करने पहुंची। टीम ने चार लोगों को नकली नमक के पैकेटों के साथ पकड़ लिया।
शनिवार रात कंपनी के अधिकारी राजेंद्र नगर नई दिल्ली निवासी रवि सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि कुछ लोग कंपनी के नाम पर कोई अन्य नमक बेच रहे हैं। इससे कंपनी का नाम धूमिल हो रहा है। रवि सिंह की तहरीर पर सूचना पाकर पुलिस ने कुंडा थाना क्षेत्र के गांव क़िलावली निवासी भगवान दास, सुनील कुमार, गोपालदास और चौथराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। नमक के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं।
कौन सप्लाई कर रहा नकली नमक
टाटा कंपनी के अधिकारियों ने मामले में स्पष्ट किया है कि जो नमक टाटा के नाम पर बेचा जा रहा है वह टाटा कंपनी का उत्पाद नहीं है। ऐसे में सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर नकली नमक कहां से आया और किस जगह बन रहा है। जिन लोगों के पास से नमक पकड़ा गया वह सामान्य से दुकानदार हैं। नकली नमक बनाकर बेचना उनके लिए संभव नहीं है।
कुंडा थाना पुलिस के अनुसार बीते कुछ समय से लोग बाहर से आकर दुकानों पर नकली नमक टाटा कंपनी के नाम पर बेच देते हैं। दुकानदार ज्यादा कमीशन के लालच में उनसे नमक खरीद लेता है। दुकानदार उन्हें नमक सप्लाई करने वालों के विषय में कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि आखिर यह नकली नमक बनता है।
एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि टाटा कंपनी के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर पुलिस को टीम के साथ भेजा गया था। चार लोगों के पास से टाटा के नकली नमक के पैकेट बरामद किए गए। पैकेट सील कर दिए गए हैं। सभी पैकेट जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे। जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।