सुदंरढूंगा घाटी में बर्फिले तूफान के बीच पांच बंगाली ट्रेकरों व स्थानीय गाइड का अभी तक कोई पता नहीं लगा

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सुंदरढूंगा घाटी में रेस्क्यू अभियान तीसरे दिन भी नहीं चल सका है। वहां हताहत हुए पांच बंगाली और एक जैकुनी गांव के गाइड का अब तक पता नहीं चल सका है। हेलीकाप्टर आया तो सही लेकिन हिमालयी क्षेत्र का मौसम खराब होने के कारण लौट गया।

उच्च हिमालयी क्षेत्र में सुबह छह से दस बजे तक ही हेलीकाप्टर उड़ान भर सकता है। उसके बाद बादल छा जाते हैं।

बागेश्वर । सुंदरढूंगा घाटी में रेस्क्यू अभियान तीसरे दिन भी नहीं चल सका है। वहां हताहत हुए पांच बंगाली और एक जैकुनी गांव के गाइड का अब तक पता नहीं चल सका है। हेलीकाप्टर आया तो सही लेकिन हिमालयी क्षेत्र का मौसम खराब होने के कारण लौट गया। वहीं, प्रशासन अब एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को पैदल भेज रहा है। अलबत्ता रेस्क्यू अभियान में मौसम खलल पैदा करने लगा है।

उच्च हिमालयी क्षेत्र में सुबह छह से दस बजे तक ही हेलीकाप्टर उड़ान भर सकता है। उसके बाद बादल छा जाते हैं। उसके बाद दोपहर दो बजे बाद हेलीकाप्टर से रेस्क्यू हो सकता है। इधर, जिलाधिकारी ने बताया कि हताहत हुए ट्रेकरों के नामों की अभी पुष्टि नहीं है। हेलीकाप्टर जांतोली से लौटे

सुंदरढूंगा में रेस्क्यू अभियान के लिए गए सेना के दो हेलीकाप्टर जांतोली गांव से लौट आए हैं। यहां से सुंदरढूंगा की दूरी लगभग 20 किमी है। मौसम खराब होने के कारण वह लैंड नहीं कर सके। जिलाधिकारी विनीत कुमार टीम के साथ कपकोट में डटे रहे। सफलता हासिल नहीं होने पर जिला मुख्यालय लौट आए हैं।

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