पांच सौ करोड़ सिडकुल घोटाले की फाइलें गायब!

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पुलिस अफसरों के अनुसार जनपद ऊधमसिंहनगर में 129, हरिद्वार में 32, देहरादून 162, पौड़ी गढ़वाल में 12 निर्माण कार्यों की जांच एसआईटी कर रही है।एसआईटी जांच के दौरान जिस तरह इस हाई प्रोफाइल मामले से संबंधित दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई है ।

हल्द्वानी । राज्य के बहुचर्चित सिडकुल घोटाले की फाइलें और दस्तावेज गायब हो गए हैं। घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने यह खुलासा किया है। आईजी गढ़वाल, अभिनव कुमार ने इस मामले में एसआईटी को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
घोटाले की फाइलें और दस्तावेज गायब होने के मामले का मंगलवार को उस वक्त खुलासा हुआ, जब पुलिस महानिरीक्षक अभिनव कुमार सिडकुल घोटाले को लेकर एसआईटी टीम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग(वीसी) कर रहे थे।
कुमार ने जब एसआईटी के सदस्यों से विभिन्न जिलों में सिडकुल द्वारा किए गए निर्माण कार्यों में अनियमितता, सरकारी धन के दुरुपयोग से संबंधित मामलों में साक्ष्य और जांच प्रगति की जानकारी मांगी तो एसआईटी के सदस्यों ने बताया कि प्रकरण से जुड़ी कुछ फाइलें और दस्तावेज गायब हैं। आईजी के अनुसार समीक्षा के दौरान पाया गया कि वर्ष 2012 से 2017 के बीच सिडकुल द्वारा उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में निर्माण कार्य कराए गए थे। जिसमें मानकों के विपरीत यूपी राजकीय निर्माण निगम को ठेके दिए गए थे। उक्त निर्माण कार्यों का ऑडिट कराये जाने पर अनियमितताएं व सरकारी धन के दुरुपयोग, वेतन निर्धारण व विभिन्न पदों पर भर्ती संबंधित अनियमितता करने के तथ्य सामने आए थे। इस पर शासन स्तर से फरवरी वर्ष 2019 को पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था। सूत्रों के मुताबिक यह घपला करीब पांच सौ करोड़ का है।
पुलिस अफसरों के अनुसार जनपद ऊधमसिंहनगर में 129, हरिद्वार में 32, देहरादून 162, पौड़ी गढ़वाल में 12 निर्माण कार्यों की जांच एसआईटी कर रही है।एसआईटी जांच के दौरान जिस तरह इस हाई प्रोफाइल मामले से संबंधित दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई है, अब सरकार को उसकी भी जांच करानी होगी। 6 जनपदों के अधिकारियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मीटिंग ली. उन्होंने बताया कि जांच में सिडकुल के अधिकारियों के द्वारा घोर अनियमितता की गयी है जिसकी पूरी फाइल शासन को भेजी जा रही है. जांच में कई अधिकारियों के द्वारा भुगतान गलत तरीके से किया गया, जबकि कई जनपदों में नियम विरुद्ध निर्माण कार्य भी कराए गए है. आईजी ने एसआईटी को निर्देश दिए कि इस प्रकरण को लेकर वित्तीय, विधिक और तकनीकी विशेषज्ञों की सलाह ली जाए। अनियमितता बरतने वाले सिडकुल व उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिडेट के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाए।

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