अक्षय तृतीया पर विधि विधान से खुले यमुनोत्री धाम के कपाट

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उत्तरकाशी । अक्षय तृतीया के मिथुन लग्न की शुभ बेला पर शनिवार को आज प्रातरू 7.31 बजे पर विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट छह माह के लिए खोल दिए गए। कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार इस बार बिना श्रद्धालुओं के कपाट खोले गए। कपाटोद्घाटन पर पहली पूजा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा भेंट स्वरूप भेजी गई 1101-1101 रुपये की धनराशि के साथ हुई।
शुक्रवार को शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से मां गंगा की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया गया था। डोली यात्रा भैरोंघाटी स्थित प्राचीन भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के पश्चात आज शनिवार को तड़के गंगोत्री पहुंची। जिसके बाद सुबह साढ़े सात बजे गंगोत्री मंदिर के कपाट खुले।कोविड महामारी के चलते इस बार तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखबा में कोई विशेष उत्साह नहीं दिखा। शुक्रवार सुबह मुखबा स्थित गंगा मंदिर में मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना की गई। पूर्वाह्न पौने बारह बजे मंदिर के गर्भगृह से मां गंगा की भोग मूर्ति के साथ ही मां सरस्वती एवं मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को बाहर निकालकर डोली में विराजमान किया गया।

गांव में मौजूद करीब 25 पुरोहित परिवारों ने आराध्य समेश्वर देवता की डोली की मौजूदगी में मां गंगा की डोली यात्रा का विदा किया। इस बार कोविड गाइड लाइन के चलते महज 21 लोग ही डोली यात्रा में शामिल हुए। सेना का पाइप बैंड भी डोली यात्रा में शामिल नहीं हो पाया।
उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर दोपहर 12रू15 बजे और गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार 15 मई को अभिजीत मुहूर्त में खोल दिए गए हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने देश दुनिया के तीर्थयात्रियों व श्रद्धालुओं को बधाई दी। केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोले जाएंगे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वैदिक मंत्रोच्चारण और धार्मिक विधि विधान के साथ गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खोले गए। यह हम सबके लिए शुभ अवसर है। कोरोना के मुश्किल समय में श्रद्धालुओं की भावना का सम्मान करते हुए चारधाम के आनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है। लोग घर पर बैठकर चारधाम के दर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ष कपाट खुलने के दौरान श्रद्धालुओं से भरा रहने वाला मंदिर परिसर इस बार कोरोना महामारी के चलते खाली रहा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी रावल, पुजारीगण और मंदिरों से जुड़े स्थानीय हकहकूकधारी, पंडा पुरोहित, कर्मचारी व अधिकारी को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का आग्रह किया है। साथ ही सामाजिक दूरी और मास्क पहनने जैसी सभी जरूरी एहतियाती कदम भी उठाने की अपील की।

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