23 साल से सब रजिस्ट्रार का कार्यालय भ्रष्ट्राचारियों का अड्डा बना हुआ हुआ था ,डीएम ने पकाड़ा मामला ,सीएम धामी ने दिया एसआईटी जांच के आदेश
उत्तराखंड के सभी रजिस्ट्रार कार्यालयों में भी होगी अभिलखों की जांच , जनता है परेशान इन रजिस्ट्रार कार्यालयों से , बिना चढ़ावे के नहीं होता कोई काम । चढ़ावा जितना ज्यादा होगा ,जो काम नहीं होने वाला होगा वह भी आसानी से हो जायेगा । चाहे अभिलखों में करना पड़ेगा गोलमाल ।
हल्द्वानी ,रूद्रपुर सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही है।
देहरादून । सब रजिस्ट्रार कार्यालय में गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेहद गंभीर हैं। मामला सामने आने के बाद कार्यालय का औचक निरीक्षण फिर एसआईटी गठित करने के आदेश और अब उप निबंधक रामदत्त मिश्र का निलंबन इसका प्रमाण है।
आपको बता दें कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकॉर्ड रूम से दस्तावेज गायब करने और छेड़छाड़ के मामले में उप निबंधक रामदत्त मिश्र पर कार्रवाई तो महज शुरुआत है। अभी कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। दस पूर्व सब रजिस्ट्रार और 31 लिपिकों की जांच जारी है। रिपोर्ट आते ही इन पर कार्रवाई की जाएगी।सब रजिस्ट्रार कार्यालय में गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेहद गंभीर हैं। मामला सामने आने के बाद कार्यालय का औचक निरीक्षण फिर एसआईटी गठित करने के आदेश और अब उप निबंधक रामदत्त मिश्र का निलंबन इसका प्रमाण है।
यह मामला पहली बार डीएम सोनिका ने पकड़ा, जब जनसुनवाई कार्यक्रम में आई एक महिला ने दस्तावेज में छेड़छाड़ की शिकायत की। जांच कराई गई तो पता चला कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय में दस्तावेज में छेड़छाड़ कर भू-स्वामित्व बदलने का खेल चल रहा है। उसी समय तीन और मामले सामने आए तो डीएम ने गंभीरता दिखाते हुए एडीएम को जांच सौंप दी। हद तो तब हुई जब पूर्व आईएएस प्रेमलाल के नाम पर भी फर्जीवाड़े की बात सामने आई। उनकी पूरी फाइल ही रिकॉर्ड रूम से गायब कर दी गई थी। इस हाईप्रोफाइल मामले के बाद खुद मुख्यमंत्री धामी एक्शन में आ गए। उन्होंने मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को उप निबंधक को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद से देहरादून समेत पूरे जिले की तहसीलों में हड़कंप की स्थिति है।
23 साल से चल रहा गड़बड़झाला
सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में फर्जीवाड़ा नई बात नहीं है। यहां 23 साल से गड़बड़झाला चल रहा है। इसलिए जांच अधिकारी के रडार पर 10 पूर्व सब रजिस्ट्रार भी हैं। इनमें से तीन सेवानिवृत्त हो चुके और एक की मौत हो चुकी है। 31 लिपिकों की भी जांच चल रही है
इन चार मामलों ने उठाया खेल से पर्दा
प्रेमलाल प्रकरण पूर्व महिला आईएएस प्रेमलाल की ग्राम रैनापुर में 60 बीघा भूमि के दस्तावेज लेकर मक्खन सिंह निवासी नगरिया, पूरनपुर, पीलीभीत सामने आए। जांच में पता चला कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में इनके दस्तावेज ही गायब हैं।
राजकुमारी पद्मावती करीब 1.65 एकड़ की इस संपत्ति पर इंद्रावती निवासी ग्राम बाल खोवा बोगीविल, जिला डिब्रूगढ़, असम के बेटे संतोष अग्रवाल ने दावा किया। इसके दस्तावेज में भी गड़बड़ी पाई गई।
कुंवर चंद्र बहादुर मसूरी में इनकी जमीन को मोतीलाल अग्रवाल निवासी खोवा बोगीविला, डिब्रूगढ़, असम को बेचा जाना दर्शाया गया था। इसमें भी फर्जीवाड़ा सामने आया।
स्वरूप कुमारी अवस्थी जाखन में स्वरूप कुमारी अवस्थी निवासी ईसी रोड, देहरादून ने 2.79 बीघा जमीन मुल्क राज मधोक से 1969 में खरीदी थी। दस्तावेज में मोहल्ला काननूगोयान कांधला के मांगेराम ने इस पर दावा किया। इसमें भी फर्जीवाड़ा किया गया।